एसपी की पहल से मान गए अनशनकारी, रात ग्यारह बजे हुई बैठक
आ़िखरकार एसपी दयाशंकर की सूझ-बूझ भरी पहल काम आ गई और विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को अपना जुलूस स्थगित कर दिया। अब यही जुलूस जून महीने के पहले सप्ताह में आयोजित की जायेगी। इसके पहले सोमवार की आधी रात 12 बजे तक हाई-वोल्टेज ड्रामा होता रहा।
शेखपुरा । आ़िखरकार एसपी दयाशंकर की सूझ-बूझ भरी पहल काम आ गई और विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को अपना जुलूस स्थगित कर दिया। अब यही जुलूस जून महीने के पहले सप्ताह में आयोजित की जायेगी। इसके पहले सोमवार की आधी रात 12 बजे तक हाई-वोल्टेज ड्रामा होता रहा। इस हाई-वोल्टेज ड्रामे में पहले एसपी और विद्यार्थी परिषद के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक हुई। इस बैठक में जुलूस पर बात नहीं बनी तो देर शाम विद्यार्थी परिषद के लोग कलेक्ट्रेट के आगे अनशन पर बैठ गये। मंगलवार को यह जुलूस रामनवमी को लेकर निकाला जाना था। बाद में स्थिति बेकाबू नहीं हो इसको देखते हुए एसपी ने खुद अपनी तरफ से पहल करते हुए रात के ग्यारह बजे अनशन पर बैठे विद्यार्थी परिषद के लोगों को आमंत्रित करके बैठक की और अपनी प्रशासनिक एवं नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए लोगों को तत्काल अनशन ़खत्म करने एवं मंगलवार को पूर्व घोषित जुलूस के आयोजन को स्थगित कराने पर राजी करा लिया। इधर मंगलवार को प्रस्तावित जुलूस को स्थगित करने के बाद विद्यार्थी परिषद ने तिनमुहानी स्थित हनुमान मंदिर में सामूहिक पूजा-अर्चना की। इस बाबत विद्यार्थी परिषद् के नेता रोहित कुमार ने बताया कि एसपी ने बड़े ही अच्छे तरीके से मामला सुलझा लिया। कुमार ने बताया कि एसपी की पहल पर परिषद ने तत्काल रामनवमी जुलूस को स्थगित कर दिया है। अब यह जुलूस शेखपुरा में जून महीने के पहले सप्ताह में आयोजित किया जायेगा।
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जुलूस के रूट को लेकर था विवाद विद्यार्थी परिषद के रामनवमी जुलूस में रूट को लेकर विवाद चल रहा था। विद्यार्थी परिषद जुलूस को शहर के भीतरी बाजार माहुरी टोला-बुधौली बाजार से ले जाने पर अड़ा हुआ था। जबकि जिला प्रशासन किसी भी कीमत पर जुलूस को भीतरी बाजार में इंट्री देने को तैयार नहीं था। इस मामले में दोनों पक्षों का अपना-अपना तर्क था। प्रशासन पिछले साल के बबाल तथा भीतरी बाजार में मुस्लिम आबादी वाले कई मोहल्ले की वजह से रामनवमी के जुलूस को इंट्री नहीं देने का निर्णय लिया हुआ था। जबकि विद्यार्थी परिषद के लोगों का तर्क था कि जब मुहर्रम और मोहम्मद साहेब के जन्मदिन का जुलूस भीतरी बाजार से आ सकता है तो रामनवमी का जुलूस क्यों नहीं।