26 तालाबों की बंदोबस्ती में जिला मत्स्य पदाधिकारी की गर्दन फंसी
शेखपुरा। सरकार के दिशा निर्देशों को ताक पर रखकर तालाबों की बंदोबस्ती करने में जिला के मत्स्य पदा
शेखपुरा। सरकार के दिशा निर्देशों को ताक पर रखकर तालाबों की बंदोबस्ती करने में जिला के मत्स्य पदाधिकारी शैलेंद्र वर्मा की गर्दन पूरी तरह फंस गई है। जिला मत्स्य पदाधिकारी पर जिला के अरियरी अंचल में मनमाने तरीके से 26 तालाबों की बंदोबस्ती मछली पालन करने के लिए करने का आरोप है। इस मामले में डीएम ने जिला मत्स्य पदाधिकारी के खिलाफ प्रपत्र क गठित करके विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है। डीएम ने यह सिफारिश मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव से की है। डीएम ने जिला मत्स्य पदाधिकारी के खिलाफ यह सिफारिश जिला लोक जनशिकायत पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश के आलोक में किया है। जानकार बताते हैं कि इस गंभीर मामले में जिला मत्स्य पदाधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है। इस मामले में जिला मत्स्य पदाधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। उनका मोबाइल आउट आफ कवरेज ऐरिया बताया। क्या है यह समूचा मामला
पिछले साल 2017 में जिला मत्स्य पदाधिकारी की हैसियत से शैलेंद्र कुमार वर्मा ने जिला के अरियरी अंचल में 26 तालाबों तथा पोखरों की बंदोबस्ती मछली पालन के लिए किया था। जिला मत्स्य पदाधिकारी की इस कार्यवाही के खिलाफ करकी गांव के किसान अनिल कुमार ¨सह ने जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में शिकायत दर्ज कराई थी। किसान अनिल ¨सह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जिला मत्स्य पदाधिकारी ने जिन 26 तालाबों की बंदोबस्ती की थी। उनमें से कोई भी मत्स्य विभाग का नहीं है और सभी गैरमजरुआ है एवं इन तालाबों-पोखरों से खेतों की ¨सचाई का काम होता है। किसान अनिल ¨सह द्वारा दायर शिकायत पर लंबी सुनाई के बाद जिला लोक जनशिकायत प्राधिकार ने मत्स्य पदाधिकारी की कार्यवाही को गलत बताते हुए उने द्वारा की गई 26 तालाबों की बंदोबस्ती को रद करने का आदेश पारित किया। जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि प्राधिकार के आदेश के बाद भी मत्स्य पदाधिकारी ने बंदोबस्ती रद नहीं किया। इसी पर डीएम ने यह कार्रवाई की है। डीएम ने कार्रवाई की सिफारिश मत्स्य विभाग के सचिव को भेज दिया है।