गुजरात में सप्ताह भर से फंसे 46 मजदूर पहुंचे शेखपुरा
शेखपुरा। गुजरात में उत्तर भारतीयों खासकर बिहारियों के खिलाफ ¨हसा का मंजर देख चुके ि
शेखपुरा। गुजरात में उत्तर भारतीयों खासकर बिहारियों के खिलाफ ¨हसा का मंजर देख चुके जिला के 46 मजदूर गुरुवार को अपना जन्म स्थान शेखपुरा पहुंच गए। जिला के ये 46 लोग गुजरात के अहमदाबाद में एक बैग फैक्ट्री में काम करते थे तथा वहां शुरू हुई ¨हसा के बाद लोग वहीं फंस गये थे। एक सप्ताह से गुजरात में फंसे इन मजदूरों को शेखपुरा के डीएम योगेंद्र ¨सह की प्रशासनिक पहल पर सुरक्षित घर वपास लाया गया है। गुरुवार को दोपहर बाद शेखपुरा स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही इन मजदूरों ने शेखपुरा डीएम ¨जदाबाद के नारे लगाये। ये सभी 46 मजदूर जिला के अरियरी थाना के महिसौना गांव के रहने वाले हैं। इधर डीएम के निर्देश पर गुरुवार को शेखपुरा स्टेशन पर इन मजदूरों के पहुंचते ही जिला के श्रम अधीक्षक पृथ्वीराज पांडेय ने सभी मजदूरों से पूछताछ करके उनका ब्योरा इकठ्ठा किया। यहां बताना जरुरी है कि जिला के महिसौना गांव के 61 मजदूर गुजरात में फंसे हुए थे। इसमें से दो अलग-अलग टीमों में बंटकर 15 मजदूर किसी तरह भागकर घर पहुंच गए थे। इसी में शेष 46 मजदूर अहमदाबाद में ही फंस गए थे। गुजरात में फंसे इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए परिजनों ने सोमवार को डीएम से मिलकर गुहार लगाई थी। इसी गुहार पर शेखपुरा के डीएम ने प्रशासनिक स्तर पर पहल करके अहमदाबद के डीएम से बात करके जिला के इन मजदूरों को वहां से सुरक्षित घर लाने में बड़ी भूमिका निभाई।
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मजदूरों ने बिस्कुट और ब्रेड खाकर काटी कई रातें
एक सप्ताह से अहमदाबाद में फंसे इन 46 मजदूरों ने बिस्कुट और ब्रेड (स्थानीय बोलचाल की भासा में पांव रोटी) खाकर बिताई। उसपर भी दहशत के साये में फैक्ट्री में काम भी करना पड़ा। एक सप्ताह तक फंसे रहने के बाद घर लौटे इन 46 मजदूरों में से एक कन्हैया कुमार ने बताया कि समूचे गुजरात में बिहारियों और यूपी वालों पर हो रहे हमले के बाद फैक्ट्री मालिक ने हम सभी को सुरक्षा के नाम पर फैक्ट्री में ही जबरन रख लिया था। इस दौरान वहां फैक्ट्री मालिक ने काम भी करवाया और खाने के नाम पर जैसे-तैसे कुछ देते थे। वो भी आधा पेट खाकर एक सप्ताह गुजरना पड़ा। कन्हैया ने बताया कि सोमवार को यहां परिजनों के डीएम से गुहार लगाने के बाद बंगाल्वर से वहां अहमदाबाद का स्थानीय प्रशासन सक्रिय हुआ। कन्हैया ने बताया कि मंगलवार को अहमदाबाद के स्थानीय प्रशासन ने फैक्ट्री मालिक से मिलकर हम सभी को सुरक्षित स्टेशन लाकर ट्रेन चढ़ा दिया। कन्हैया ने बताया कि कंपनी ने इस सप्ताह की ड्यूटी का पारिश्रमिक 1750 रुपया प्रति मजदूर चेक के माध्यम से दे दिया है। सितंबर महीने के वेतन का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से करने की बात कंपनी ने कही है।