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बागमती में पानी खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर

शिवहर। शनिवार को भी पूरे दिन जहां बारिश होती रही वहीं बागमती में आई बाढ़ से जिलावासियों को चिता में डाल दिया है। आज बागमती का जलस्तर 63. 75 दर्ज किया गया जो खतरे के निशान से 2.48 मीटर ऊपर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:35 AM (IST)
बागमती में पानी खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर

शिवहर। शनिवार को भी पूरे दिन जहां बारिश होती रही वहीं बागमती में आई बाढ़ से जिलावासियों को चिता में डाल दिया है। आज बागमती का जलस्तर 63. 75 दर्ज किया गया जो खतरे के निशान से 2.48 मीटर ऊपर है। कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल विमल कुमार ने बताया कि फिलहाल स्थिति 2017 जैसी है। अभी भी जलस्तर में वृद्धि हो रही है जो खतरे का संकेत है। इधर इस प्राकृतिक आपदा से निबटने में पूरा प्रशासनिक अमला लगा हुआ है। डीएम अरशद अजीज ने जिले में अलर्ट तो जारी किया ही है अधिकारियों की अलग-अलग टीमों को विभिन्न सुरक्षात्मक कार्यों की जवाबदेही चेतावनी के साथ दी है। वहीं स्वयं शनिवार को अत्यधिक प्रभावित प्रखंड पिपराही का दौरा किया जहां बेलवा घाट के समीप एसएच 54 के पास दहाड़ रहे बागमती के रेला का अवलोकन किया वहीं पास के गांव जो बाढ़ के पानी से घिरे हैं का अवलोकन किया। लोगों को आश्वस्त किया कि प्रशासन हमेशा आपके साथ है वहीं चेतावनी दी कि किसी भी हालत में निजी नाव एवं अप्रशिक्षित नाविकों का भरोसा नहीं करें। सरकारी नाव उपलब्ध कराई गई है का ही इस्तेमाल करें। वहीं वैसे प्रभावित जिनका घर बाढ़ के पानी से घिरा है उन्हें ऊंची जगहों पर बने आश्रय स्थलों पर पहुंचने की मुनादी कराई गई है। जहां बुनियादी सुविधाओं सहित अन्य जरूरी सामान खाद्यान्न, वाटरप्रूफ पंडाल सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश सीओ कौशल किशोर सिंह को दिया। तटबंधों पर बढ़ाई गई सुरक्षा बाढ़ को लेकर सर्वाधिक दबाव बागमती के दोनों तटबंधों पर है। चाहे प्रशासन हो या फिर जिलावासी सबकी निगाहें तटबंधों पर लगी हैं। जिसकी सुरक्षा में करीब तीन दर्जन होमगा‌र्ड्स जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिन्हें हर पल तटबंधों पर कड़ी चौकसी का निर्देश दिया गया है। डीएम अरशद अजीज, एसपी संतोष कुमार, एसडीओ आफाक अहमद एवं एसडीपीओ राकेश कुमार की टीम ने तटबंधों का निरीक्षण भी किया। बताया गया कि उक्त अधिकारी दल रात को भी औचक निरीक्षण में पहुंचे। वहीं रेनकट से क्षतिग्रस्त तटबंधों की अनवरत मरम्मती कार्य जारी रखने का निर्देश दिया। वहीं संभावित कटाव स्थलों पर विशेष निगरानी की नसीहत दी। कहा कि कभी भी कहीं कुछ असहज महसूस हो तुरंत फोन पर जानकारी साझा करें। बुलाई गई एनडीआरएफ/ एसडीआरएफ की टीम जिला प्रशासन द्वारा आपातकाल के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें बुलाई जा चुकी हैं। जिन्हें निर्देशित किया गया है कि मोटरबोट एवं लाइफ जैकेट के साथ हमेशा अलर्ट मोड में रहें। तटबंध टूटने की उड़ती रही अफवाहें शनिवार को आवाम से लेकर प्रशासनिक अधिकारी सबको सिर्फ बाढ़ की चिता सताती रही। वहीं सोशल मीडिया पर हर घंटे तटबंधों टूटने की अफवाहें भी आती रहीं। जिससे लोग बाग भयाक्रांत हो मोबाइल से सच्चाई का पता लगाते रहे। हालांकि अभी तक बागमती के दोनों तटबंध सुरक्षित हैं। ..सर, मेरा गांव भी पानी में डूब गया शनिवार को आलम यह रहा कि पदाधिकारियों की मोबाइल की घंटी बजती रही। अधिकांश फोन पर यही बात कही जाती रही कि. सर मेरा गांव भी बाढ़ के पानी में डूब गया। जिस पर संज्ञान लेते हुए पदाधिकारियों की टीम निर्दिष्ट गांवों को कूच करती रही। कहने का मतलब यह कि पूरे दिन अफरा तफरी का माहौल रहा। आंखों में कटेगी आज की रात जिस तरह से बागमती प्रमंडल कार्यपालक अभियंता विमल कुमार ने चेतावनी जारी की है उससे स्पष्ट है कि आज की रात भारी गुजरेगी। प्रकृति का ये कहर कब कौन सा रूप लेगा कहा नहीं जा सकता। सबसे बड़ी चिता तटबंधों की सुरक्षा की है। वहीं तटबंधों के समीप बसे गांवों के लोग पूरी दहशत में हैं।

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