शहर में जलजमाव की समस्या होगी दूर :डीएम
शिवहर - मीनापुर पथ चौड़ीकरण कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत करीब 65 करोड़ बताई गई है।
शिवहर । शिवहर - मीनापुर पथ चौड़ीकरण कार्य प्रगति पर है। जिसकी लागत करीब 65 करोड़ बताई गई है। उसे बनने में तो वक्त लगेगा ¨कतु डीएम अरशद अजीज ने निर्माण कंपनी को निर्देश दिया है कि शिवहर जीरो माइल चौक से अनुमंडल चौक तक की सड़क को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र बनाना सुनिश्चित करें। हाल के दिनों में अगर शिवहर शहर की बात करें तो बहुत कुछ बदला- बदला सा नजर आता है। जीरो माइल चौक से अतिक्रमण हटाने के बाद वहां का लुक ही बदल गया है। जहां सड़क से एक बस बामुश्किल गुजरती थी अभी जो सड़क बन रही है उसके बाद शिवहर जीरो माइल चौक मुजफ्फरपुर जीरो माइल चौक के जैसा दिखेगा। वहीं चौक से पश्चिम की ओर जाने वाली एनएच 104 के बगल में बन रहा पाथ-वे शिवहर के लिए पहली उपलब्धि कहीं जाएगी। इस परिवर्तन का श्रेय डीएम अरशद अजीज को दिया जा सकता है। जिन्होंने परिवर्तन की शुरुआत समाहरणालय मैदान को पार्क में तब्दील करने से हुई। वहीं बेकार वर्षों से बेकार पड़े किसान मैदान को खेल का मैदान बनाना जहां कई मैच खेले जा चुके हैं। वहीं अनगिनत सभाएं की जा चुकी हैं। बदलाव की दूसरी कड़ी है। उधर अनुमंडल कार्यालय के समीप जिले का पहला पार्किंग खोलना एक अभिनव प्रयोग है। वहीं जिला गेट से कलेक्ट्रेट तक की सड़क का चौड़ीकरण भी उमर्दा सोच का परिणाम है। जबकि हाल के बैठक में शहर में वाहनों के बढ़ते दबाव से मुक्ति के लिए बाईपास सड़क निकालना दूरगामी सोच का नतीजा कहा जाएगा। शिवहर- मुजफ्फरपुर पथ स्थित नबाव हाई स्कूल से सरोजा सीताराम हॉस्पिटल एवं एनएच 104 को छूते हुए पुलिस लाईन के पास होकर शिवहर मोतिहारी एसएच 54 में मिलान कर देने से लोगों को काफी सहूलियत होगी। यह नई बाईपास सड़क तीन जिलों को जोड़ने के काम आएंगी। मसलन सीतामढ़ी, मोतिहारी एवं मुजफ्फरपुर की गाड़ियां शहर की जाम से बचते हुए अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच जाएंगी। जिसका लाभ शहरवासियों को भी मिलेगा। न सिर्फ बाजार में ट्रैफिक का दबाव कम होगा बल्कि बड़े वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुंएं से भी निजात मिलेगी। सूत्रों की मानें तो वर्ष 19 में एक और यक्ष प्रश्न का हल होनेवाला है.. नगर पंचायत के जलनिकासी का। शहर से सटे फतहपुर होकर गुजरने वाली बालसुंदर नदी की पैमाईश कराई जा रही है जिसे नहर का रूप देना है। इस कार्य से मृतप्राय हो चुके बालसुंदर नदी को पुनर्जीवन तो मिलेगा ही दूसरे पास के गांवों के किसानों के लिए ¨सचाई की सुविधा मिलेगी। इसके लिए प्राकृतिक जलस्त्रोत का दोहण नहीं करना होगा। वहीं सबसे बड़ी समस्या शिवहर मुख्यालय के जलनिकासी की समस्या का समुचित एवं स्थायी समाधान हो सकेगा। यह अलग बात है कि शहर के सीवरेज के लिए मास्टर प्लान बनाने की जरूरत होगी। इसलिए यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि वर्ष 2019 में बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा।