बरसात के मौसम में जलजमाव से परेशानी
बरसात के मौसम में गांवों में.पानी एवं कीचड़ होने की बात समझ में आती है लेकिन शिवहर जिला मुख्यालय में जल जमाव एवं कीचड़ होना सबको अखर रहा है।
शिवहर। बरसात के मौसम में गांवों में.पानी एवं कीचड़ होने की बात समझ में आती है लेकिन शिवहर जिला मुख्यालय में जल जमाव एवं कीचड़ होना सबको अखर रहा है। सबसे सोचनेवाली बात यह कि जल जमाव हर्ट ऑफ शिवहर यानि जिला गेट पर है। जगदीश नंदन ¨सह पथ का जल जमाव तो जग जाहिर हो गया है करीब तीन महिने से सड़क पर जमा गंदा पानी नासूर तो बना ही है लेकिन जिला गेट से समाहरणालय एवं व्यवहार न्यायालय सहित अन्य कार्यालयों को जानेवाले मुख्य द्वार पर का जल जमाव कई सवाल खड़े करता है। इस होकर आम जनता जाने में दिक्कतों से दो चार होती है कोई बात नहीं लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि जिले के डीएम, एसपी सहित सभी आलाधिकारी इसी होकर गुजरते हैं। हद तो यह कि बीते स्वतंत्रता दिवस पर जिले के प्रभारीमंत्री भी इसी होकर अतिथि भवन को गए लेकिन दुर्भाग्य की उनकी भी नजरें इनायत नहीं हुई। अमूमन ऐसा देखा जाता है कि घर के आगे वआले हिस्से को लोग साफ सुथरा एवं आकर्षक बनाकर रखते हैं लेकिन विकास पथ पर अग्रसर जिला शिवहर का मुख्य दरवाजा ही जल जमाव एवं कीचड़ से सना है। उधर किसान भवन में संचालित करीब आधा दर्जन विभाग के कार्यालयों में जाने से पहले एक हाथ से नाक बंद तो दूसरे हाथ में जूता खोलकर जाना पड़ता है। इधर शहर में एक्सिस बैंक के समीप शिवहर - मुजफ्फरपुर पथ क्षतिग्रस्त है वहीं कीचड़ व जल जमाव खतरे का सबब बने हैं। आगे बढ़े तो हाल में बने एनएच 104 पर खादी भंडार के समीप का जल जमाव यह संकेत दे रहा है कि शिवहर की सड़क बदलने से रही। मुख्यालय के प्रोजेक्ट बालिका उच्चतर विद्यालय परिसर में ही नहीं वर्ग कक्ष में महीनों से जल जमाव है जो न सिर्फ संक्रमण फैला रहे हैं बल्कि भवन की नींव कमजोर कर रहे हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि आनेवाले दिनों में यह भवन ही धराशायी हो जाए। वहीं विद्यालय के गेट के समीप जल जमाव होने से विद्यालय में छात्राओं ने आना कम कर दिया है। वही हाल उधर कुजगली से एं एच 104 के ¨लक रोड की है जहां काले कीचड़ लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। कुल मिलाकर कीचड़ एवं जल जमाव की गिरफ्त में है शिवहर। आश्चर्य मिश्रित दुख तब होता है जब प्रशासन की गाड़ियां भी उसी होकर पानी एवं कीचड़ उड़ाती फर्राटे से निकल जाती है। जनता जनार्दन जो पैदल, साइकिल या बाइक से दिन रात गुजरते हैं उनकी दुश्वारियों की फिक्र करनेवाला कोई नहीं है।