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शिक्षा ऋण देने में कोताही न बरतें बैंकर्स : डीएम

जिला स्तरीय समीक्षा/ सलाहकार समिति की बैठक डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में बुधवार को हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 12:15 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 06:30 AM (IST)
शिक्षा ऋण देने में कोताही न बरतें बैंकर्स : डीएम
शिक्षा ऋण देने में कोताही न बरतें बैंकर्स : डीएम

शिवहर। जिला स्तरीय समीक्षा/ सलाहकार समिति की बैठक डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में बुधवार को हुई। इस दौरान जिले के सभी बैंकों का फीडबैक लिया गया। जहां बताया गया कि वर्तमान में साख जमा अनुपात 46.56 फीसद है जो राज्यस्तरीय अनुपात से कहीं ज्यादा है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक का अनुपात सबसे कम 28.77 बताया गया जिसे चिताजनक करार देते हुए संबंधित अधिकारी को अतिरिक्त निर्देश दिए गए। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक के कुल जमा 418 लाख के विरुद्ध ऋण की राशि 814 लाख पाए जाने पर आश्चर्य प्रकट किया गया। वहीं इस असंतुलन का स्पष्टीकरण पूछा गया। डीएम ने कहा कि साख उपलब्धि संतोषजनक कही जा सकती है बाबजूद इसके सीडी रेशियो और बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए 70 फीसद उपलब्धि का लक्ष्य दिया गया। वहीं वार्षिक साख योजना के लिए 90 फीसद का लक्ष्य निर्धारित किया गया। डीएम ने रोष जताते हुए कहा कि विगत कई बैठकों में मैंने कृषि ऋण से संबद्ध विवरणी उपलब्ध कराने को कहा जो अब तक अप्राप्य है। कहा कि इसका यह मतलब निकाला जाए कि आप कृषि ऋण के प्रति गंभीर नहीं है। यह भी बताया कि तरियानी प्रखंड के निरीक्षण के दौरान स्थानीय किसानों ने शिकायत की थी कि न उन्हें बैंकों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता। इस गतिरोध को दूर करने के लिए ग्रामीणों की मांग है कि एचडीएफसी बैंक शाखा खोली जाए। शिक्षा ऋण को और भी सहज एवं सरल बनाने का निर्देश बैंक पदाधिकारियों को दिया गया ताकि अभिभावकों को परेशानी नहीं हो। बैठक में मौजूद बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा प्रबंधक सह एलडीएम भास्कर कुमार ने केसीसी की लिमिट 1 लाख 60 हजार तक बढ़ाने की जानकारी दी। वहीं बताया कि इसके लिए किसी तरह की गिरवी रखने का भी प्रावधान नहीं है। इससे बैंकों में ऋण बढ़ने के साथ ही 2022 तक कृषकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। वहीं डीएम अरशद अजीज ने कहा कि स्थानीय बैंकों में सिर्फ जमा धन पर ध्यान दिया जाता है उसके विरुद्ध ऋण को गंभीरता से नहीं लिया जाता जो अच्छी बात नहीं है। यह भी कहा कि वैसे अधिकारी या कर्मचारी जिन्होंने व्यक्तिगत ऋण लिया है और उनका स्थानांतरण हो गया है उन्हें एलपीसी किसी हाल में निर्गत नहीं किए जाएं। मुद्रा ऋण एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना पर भी विमर्श किया गया। वहीं शिक्षा विभाग के पोशाक, एवं पुस्तक खरीद की राशि अविलंब लाभुकों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया। वहीं बैठक में अनुपस्थित बैंक अधिकारियों के प्रति नाराजगी प्रकट की। बैठक में मौजूद एसपी संतोष कुमार ने कहा कि जिले के सभी बैंकों को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था देने को पुलिस प्रशासन कृत-संकल्पित है। सीसीटीवी दुरुस्त रखने का निर्देश दिया वहीं कहा कि हमारे सुरक्षा गार्ड की बैंकों एवं उसमें आने जाने वालों पर कड़ी निगरानी रहती है। मौके पर डीडीसी मो. वारिस खान, एडीएम शंभूशरण सहित तमाम बैंक अधिकारी मौजूद थे।

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