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बारिश से सड़कों पर कीचड़ व जलजमाव, किसानों में खुशी

वर्तमान में जिस तरह के परिदृश्य उपस्थित हो रहे वह सोचने को विवश करता है कि प्रकृति रूठी है या फिर मेहरबान।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 11:42 PM (IST)
बारिश से सड़कों पर कीचड़ व जलजमाव, किसानों में खुशी
बारिश से सड़कों पर कीचड़ व जलजमाव, किसानों में खुशी

शिवहर। वर्तमान जासं, शिवहर: वर्तमान में जिस तरह के परिदृश्य उपस्थित हो रहे वह सोचने को विवश करता है कि प्रकृति रूठी है या फिर मेहरबान। बुधवार की देर रात से शुरू बारिश गुरुवार को पूरे दिन जारी रही। कभी तेज झमाझम तो कभी रुक- रुखकर हो रही बारिश से कहीं खुशी कहीं गम का आलम है। खुशी इस मायने में कि मौजूदा वक्त में हो रही बारिश किसानों के लिए लाभकारी है। जिला कृषि पदाधिकारी विष्णुदेव कुमार रंजन ने बताया कि आज हुई करीब 10 मिलीलीटर बारिश धान के बिचडों, आम, लीची एवं सब्जी की फसलों के लिए फायदेमंद है। कीचड़ व जल जमाव से राहगीरों को परेशानी बारिश का दूसरा प्रभाव यह कि गांव हो या शहर सड़कों पर न सिर्फ कीचड़ ने कब्जा जमा लिया है वरन जल जमाव भी एक समस्या बनी है। राहगीरों को गमनागमन में खासी परेशानी हो रही। मुख्यालय के जगदीश नंदन सिंह पथ का सबसे बुरा हाल है। करीब दो सौ मीटर में सड़क पर जल जमाव से न सिर्फ राहगीरों को बल्कि सड़क किनारे दुकानदारों के लिए परेशानी का सबब बना है। लॉकडाउन का दंश झेल चुके दुकानदारों तक ग्राहकों की पहुंच नहीं हो रही। विदित हो कि उक्त पथ जिले के व्यस्ततम सड़कों में एक है। समाहरणालय चौक से गुदरी बाजार को जाती यह सड़क शहर के बाईपास के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कुंजगली चौक से फतहपुर रोड एनएच 104 के लिक रोड में भी कीचड़ एवं जल जमाव से राहगीर एवं आसपास के लोग जूझ रहे। इन सारी समस्याओं की मुख्य वजह शहर में जल निकासी की समुचित व्यवस्था का न होना है। हालांकि नपं अध्यक्ष अंशुमान नंदन सिंह कहते हैं कि बरसात के मद्देनजर नालियों की हाल ही में सफाई की गई है। वहीं जल निकासी की सहज एवं व्यवस्था की दिशा में प्रयास किया जा रहा।

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उधर शिवहर- सीतामढ़ी पथ (एनएच104) पर बागमती नदी के दोनों तटबंधों के बीच कीचड़ होने से नारकीय स्थिति उत्पन्न हो गई है। वाहनों को उस होकर निकाल पाना किसी चुनौती से कम नहीं। इधर शिवहर- मोतिहारी पथ (एसएच) 54 का भी वही हाल है। बेलवा घाट के समीप करीब दो किलोमीटर में कीचड़ एवं जल जमाव ने खासी परेशानी उत्पन्न कर दी है। लोग वैकल्पिक रास्ते से निकलने में ही भलाई समझ रहे।


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