लालू ने दी गरीबों को बोलने की ताकत : तेजस्वी
शिवहर। सूबे बिहार ही नहीं पूरे देश में अराजकता का माहौल है, नतीजतन संविधान खतरे में है। इसीलिए लोगों को जागरुक करने मैं लालूजी का संदेश लेकर न्याय यात्रा पर निकला हूं।
शिवहर। सूबे बिहार ही नहीं पूरे देश में अराजकता का माहौल है, नतीजतन संविधान खतरे में है। इसीलिए लोगों को जागरुक करने मैं लालूजी का संदेश लेकर न्याय यात्रा पर निकला हूं। समय रहते अगर जनता जागरुक नहीं हुई तो लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। उक्त बातें पूर्व डिप्टी सीएम सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को शिवहर आदर्श मध्य विद्यालय स्थित मंच से कही। संविधान बचाओ, न्याय यात्रा पर शिवहर पहुंचे तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में केंद्र की मोदी सरकार एवं सूबे की नीतीश सरकार पर एक एक कर विष बुझे तीर छोड़े। कहा कि एक जुमलेबाज हैं तो दूसरा पलटूराम। दोनों ही कुर्सी के भूखे हैं। जनता के दर्द और देश के विकास से इनका दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। मोदी जी ने वादा किया था कि अच्छे दिन आएंगे, प्रतिवर्ष करोड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा। न तो युवाओं को रोजगार मिला और न ही अच्छे दिन आए। केंद्र सरकार को लक्ष्य कर कहा कि देश की सर्वमान्य संस्था सीबीआई खुद सीबीआई से लड़ रही है। सत्ता का केंद्रीकरण मोदी और अमित शाह की जोड़ी के पास हो गया है जो पूंजीपतियों के मोहरा मात्र है। आमजन ऋण के लिए बैंकों का चक्कर लगाते थक जाते हैं वहीं माल्या, नीरव मोदी सरीखे पूंजीपति करोड़ों का माल लेकर विदेश रफ्फूचक्कर हो जाता है। अंबानी एवं अडानी का हजारों करोड़ लोन झटके में माफ हो जाता है। कहा कि मोदी राज में मानो देश में अप्रत्यक्ष रूप से आरएसएस की सरकार चला रही है। जिसमें सामंतवाद, जात- पांत, धार्मिक उन्माद, मनुवादी सोच एवं छुआछूत चरम पर है। वहीं देश को बांटने एवं समाज को तोड़ने के लिए प्रयासरत है। वहीं कहा कि अगर मोदी दुबारा शासन में आ गए तो फिर चुनाव की परंपरा ही खत्म हो जाएगी। आपके मतदान का अधिकार भी छिनने की साजिश रची जा रही है। यहीं से संविधान पर खतरा शुरू होता है। सीएम नीतीश कुमार को चुटीले अंदाज में चाचा कहते हुए कई तंज कसे। कहा कि मैं अब भी उनका सम्मान करता हूं, लेकिन वह मेरे अच्छे चाचा नहीं रहे। उन्होंने सिर्फ महागठबंधन ही नहीं बिहार की 12 करोड़ जनता को धोखा दिया है, बिहार की जनता के विश्वास का खून किया है। कहते थे कि मिट्टी में मिल जाऊंगा मगर भाजपा में नहीं मिलूंगा। आखिरकार मिट्टी में नहीं भाजपा की गोद में जा बैठे। कहा कि चाचा सत्ता सुख के आदी हो गए हैं। उन्होंने देखा कि लालू जी का जनाधार अंतिम व्यक्ति तक है इसीलिए घबराकर भाजपा वालों से गलबहियां कर ली। वहीं लालू जी को गलत मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया। इतने से भी मन नहीं भरा तो मुझे, मेरे भाई, मेरी बहन, मेरे जीजा, उनके माता पिता और उनके भी रिश्तेदारों को मुकदमे में फांस दिया। तेजस्वी यादव ने जोर देकर कहा कि मेरे पिता शेर हैं और हम लोग इन गीथड़ भभकियों से डरने वाले नहीं हैं। लालू यादव पर जनता का अटूट विश्वास है जो इन लोगों के छटपटाहट की वजह है। उन्हें नहीं मालूम कि यह विश्वास एक दिन का नतीजा नहीं है लालू यादव ने गरीबों, शोषितों एवं अल्पसंख्यक को बोलने की आजादी दी है। लालूराज में अफसरशाही नहीं थी। गांव का एक अदना आदमी भी ऑफिस में जाकर सीधी बात कर सकता था, जो आज संभव नहीं है। आज अफसरशाही चरम पर है। शराबबंदी के नाम पर एक उद्योग चल रहा है 200 रुपये की शराब 1500 रुपए में होम डिलीवरी हो रही है। ऊपर की राशि विभिन्न रास्तों से हमारे चाचा तक पहुंच रही है। वहीं बालूबंदी करके इन्होंने मजदूरों की रोजी रोटी छीन ली। कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसको चाचा ने ठगा नहीं। यह भी कहा कि चार वर्षों में चार सरकार देने वाले हमारे चाचा के लिए कोई ऐसा घाट नहीं बचा जहां का पानी नहीं पीया हो। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन मे सीएम नीतीश कुमार की जमकर बखिया उधेड़ी। कहा कि नीतीश जी के बिहार में 36 बड़े घोटाले हुए जिसमें सृजन घोटाला सबसे ऊपर रहा। बावजूद इसके एक भी मंत्री या पदाधिकारी जेल नहीं गया। कहा कि चाचा नीतीश कुमार को मोदी ने कहा था कि डीएनए खराब है तब इन्होंने नाखून एवं बाल के सेंपल दिल्ली भेजे थे और कहा था कि यह बिहार को गाली है। सवाल किया अब बिहार को गाली की ¨चता नहीं है। श्री यादव ने कहा कि हम लालू के बेटे हैं मेरे पिता 70 वर्ष की उम्र में गरीबों के हक, सामाजिक न्याय, धर्म निरपेक्षता, भाईचारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। कहा कि अगर हम सिद्धांतों से समझौता करते तो मैं आज बिहार का मुख्यमंत्री होता। सरकार को चेताया कि भ्रम छोड़ दें कि लालू यादव को जेल जाने से हमारी पार्टी कमजोर हो जाएगी, हम चुनाव में कमजोर पड़ जाएंगे।जोर देकर कहा कि एक लालू जेल में बंद है तो क्या हुआ समूचा बिहार लालू के साथ है। कहा कि मैं यही संदेश लेकर जनता के बीच आया हूं क्योंकि मेरे पिता ने कहा था कि जब भी कोई परेशानी हो तो सीधे जनता के दरबार में जाना। आसन्न लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव का महापर्व सामने है। फिर से कई बहुरूपिया आपके सामने आपका वोटहरण करने के लिए आएंगे। सावधान रहना क्योंकि देश को जाति धर्म के नाम पर बांटने वाले कभी भी आपके हितकारी नहीं हो सकते। आह्वान किया कि आने वाले चुनाव में तख्तापलट होना तय है।फिर से गरीब- गुरबों का शासन होगा। सामंतवादी सोच वालों को दरकिनार किया जाएगा। आरक्षण छीननेवालों को सत्ता से बेदखल किया जाएगा। देश में अघोषित इमरजेंसी खत्म होगी और सही मायने में रामराज की स्थापना होगी। मौके पर करीब आधा दर्जन पूर्व मंत्री, दर्जनभर विधायक, पूर्व विधायक, सीतामढ़ी शिवहर एवं मोतिहारी से आए नेता मौजूद थे। वहीं हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।