माधोपुर छाता पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का अभाव, विकास का है इंतजार
तरियानी के पुरानी बागमती एवं बालसुन्दर नदी की गोद में बसा माधोपुर छाता पंचायत सर्वांगीण विकास के लिए तारणहार की बाट जोह रहा है।
शिवहर। तरियानी के पुरानी बागमती एवं बालसुन्दर नदी की गोद में बसा माधोपुर छाता पंचायत सर्वांगीण विकास के लिए तारणहार की बाट जोह रहा है। वहीं पंचायतवासी का मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद जारी है। आजादी के बाद से अब तक पंचायत के विकास को लेकर सरकार ने अपने प्रयास जारी रखे। वहीं त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत वर्ष 2001 से अब तक के जन प्रतिनिधियों ने भी विकास के ताने- बाने बुने। विकास हुआ भी लेकिन सरकारी नियमों की जटिलता एवं अन्य कारणों से पंचायत के सर्वांगीण विकास को गति नहीं मिल पाई है। नतीजतन माधोपुर छाता पंचायत पूर्ण विकसित नहीं हो पाया। गुरुवार को गांव की पाती अभियान के तहत दैनिक जागरण की टीम माधोपुर छाता पंचायत पहुंची। जहां पूर्व मुखिया के दरवाजे पर लगी चौपाल में ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं।बताया कि पंचायत अंतर्गत रेवासी, रूपवारा, निमाही आदि गांवों में आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सड़क की बेहतर सुविधा नहीं है। चौपाल में शामिल पूर्व मुखिया जयमाला देवी, समाजसेवी जगदीश राय, शिवजी राय, पंकज पासवान, दामोदर राय, उमेशशंकर राय, संजय राय एवं मधुरंजन कुमार सहित अन्य ने बताया कि बागमती की पुरानी धार एवं उसी की उपधारा बालसुन्दर पंचायत के बीचोंबीच होकर गुजरती थी जिससे निकला पानी किसानों के खेतों की फसलों के लिए संजीवनी का काम करता था। तब बिना खाद डाले फसलें लहलहाती रहती थी नतीजतन यहाँ किसान खुशहाल थे। लेकिन दुर्भाग्य कि ¨सचाई के दोनों प्राकृतिक संसाधन मृत होने से किसान अपने खेतों की समुचित एवं ससमय ¨सचाई नहीं कर पाते हैं। वहीं राजकीय नलकूप या अन्य वैकल्पिक संसाधन सरकारी तौर पर उपलब्ध नहीं की जा सकी है। लिहाजा किसानों को निजी तौर पर महंगी ¨सचाई करनी पड़ती है। वहीं जन प्रतिनिधियों या फिर सरकार किसानों के प्रति संजीदा नहीं है। वहीं जिले के किसी भी प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किए जाने पर भी लोगों में मलाल एवं आक्रोश दिखा। स्वास्थ्य सेवा की बाबत बताया कि दो स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं जरूर लेकिन अमूमन बंद ही रहता है। माधोपुर छाता में स्थित आयुर्वेदिक औषधालय वर्षों से पशुओं का तबेला बना है जहां न वैद्य दिखते हैं न औषधि। लिहाजा संसाधनों के अभाव में मरीजों को इलाज के लिए अन्यत्र भटकना पड़ता है। कहा कि सड़क की स्थिति है कि छाता नुनथार से ललन राय के डेरा तक, महारानी स्थान से सलेमपुर सीमान तक, तूफानी चौक से रेवासी तक सहित अन्य सड़कें जर्जर हैं। वाहनों का परिचालन तो दूर पैदल चलना भी जोखिमभरा है। बीते तीन वर्षों से बिजली सुविधा बढ़ी है लेकिन शतप्रतिशत घरों में अभी भी कनेक्शन नहीं पहुंच सका है। वहीं छाता गांव के वार्ड 9 में लटका नंगा विद्युत तार खतरे को निमंत्रण दे रहा है। जहां पूर्व में घटना घट चुकी है बावजूद विभाग की अनदेखी से लोगों में गुस्सा एवं खंफ बरकरार है। बताया कि पंचायत में एक मात्र उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय होने से बच्चों का कुशहर, तरियानी, शिवहर सहित अन्यत्र विद्यालयों में पढ़ने की विवशता है। वहीं प्रारंभिक विद्यालयों में भी बच्चों को अपेक्षा के अनुसार शैक्षणिक माहौल नहीं मिल रहा है। इसी तरह पंचायत में अनेकों समस्याएं बरकरार हैं, जिसके समुचित समाधान की दरकार है। ताकि इंसान की बुनियादी जरुरतें मसलन सड़क, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा गांवों में मिल सकें। पूर्व मुखिया जयमाला देवी योजनाओं में पारदर्शिता एवं कार्यालयी जटिलता को विकास में बाधक बताती हैं। कहा कि सरकार प्रायोजित सात निश्चय अंतर्गत गली नाली पक्कीकरण, नल का जल, मनरेगा की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन नहीं दिखता है। वहीं सरकार से मिलनेवाले विविध पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना सहित अन्य के लाभुकों का भुगतान आज भी अधर में लटका है। वहीं समाजसेवी जगदीश राय का कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विकास के लगातार प्रयास जारी हैं। बावजूद इसके कुछ समस्याएं इतनी जटिल है जिसका समाधान उच्चस्तरीय जन प्रतिनिधि एवं सरकारी तंत्र की पहल के बगैर संभव नहीं है। माधोपुर छाता पंचायत एक नजर में कुल गांवों की संख्या - 04
वार्डों की संख्या- 14
कुल जनसंख्या- 12 हजार
कुल मतदाता- 7 हजार
बीपीएल- 1200
एपीएल- 1000
अंत्योदय- 220
जन वितरण प्रणाली दुकान- 06
उच्च विद्यालय- 01
मध्य विद्यालय- 03
प्राथमिक विद्यालय- 02
स्वास्थ्य उपकेंद्र- 02
आयुर्वेदिक औषधालय- 01