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पांच वर्षों में हुआ महज 25 फीसद सड़क निर्माण कार्य

शिवहर - सीतामढ़ी पथ होकर गुजरने का मतलब न सिर्फ धूल स्नान करना है बल्कि खतरे से भी खाली नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 12:56 AM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 12:56 AM (IST)
पांच वर्षों में हुआ महज 25 फीसद सड़क निर्माण कार्य
पांच वर्षों में हुआ महज 25 फीसद सड़क निर्माण कार्य

शिवहर। शिवहर - सीतामढ़ी पथ होकर गुजरने का मतलब न सिर्फ धूल स्नान करना है बल्कि खतरे से भी खाली नहीं है। आते जाते वाहनों से उड़ते धूल साइकिल एवं बाइक चालकों का संतुलन बिगाड़ने को काफी है। इस तरह की दर्जनों घटनाएं पूर्व में हो चुकी है। लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मालूम हो कि उक्त सड़क एन एच 104 कहलाती है। जो चकिया- शिवहर- सीतामढ़ी को जोड़ती है। वहीं पड़ोसी देश नेपाल के लिए भी यह अहम सड़क है। लेकिन इस अधूरे सड़क निर्माण की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। अलबत्ता इस जर्जर सड़क एवं पुराने बीमार पुलों एवं खतरनाक डायवर्सन होकर सैकड़ों गाड़ियों का आना जाना बदस्तूर जारी है। मालूम हो कि कि उक्त एनएच सड़क का निर्माण करीब 7 सौ करोड़ की लागत से किया जा रहा है। वर्षों बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। कई बार डेडलाइन तय की गई लेकिन निर्माण कंपनी की शिथिलता के कारण यह राष्ट्रीय उच्च पथ अभी मू‌र्त्त रुप नहीं ले सका है। कई दफा जिला पदाधिकारी द्वारा भी फटकार लगाई गई बावजूद निर्माण कार्य अधर में लटका है। सूत्रों की मानें तो निर्माण कंपनी किन्हीं कारणों से बीच में ही काम छोड़ दिया है। नतीजतन शिवहर से सीतामढ़ी की यात्रा करना पहाड़ चढ़ने जैसा हो गया है। अब तो लोग रुट बदलकर सीतामढ़ी पहुंच रहे हैं। इसके लिए पिपराही- पुरनहिया होकर करीब दस किलोमीटर का चक्कर लगाना लोगों की नियति सी बन गई है। लोगों का कहना है कि आनेवाले लोकसभा चुनाव में यह भी एक मुद्दा बनेगा। जिसका जबाब संबंधित जनप्रतिनिधियों को देना ही होगा।

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