10 साल से फरार आजाद हिंद फौज प्रमुख नितेश सिंह महाराज का आत्मसमर्पण, पुलिस के दबाव के आगे हारे
पिछले दस वर्षों से फरार आजाद हिंद फौज के प्रमुख नितेश सिंह महाराज ने पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही थी और उनके करीबियों से पूछताछ कर रही थी। दबाव बढ़ने पर उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा और आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू होगी।

आजाद हिंद फौज के संस्थापक नितेश सिंह महाराज ने किया आत्मसमर्पण। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, शिवहर। आजाद हिंद फौज के संस्थापक सह तरियानी छपरा पंचायत की मुखिया अर्पणा सिंह के पति नितेश सिंह महाराज ने सोमवार को शिवहर सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। दस वर्ष पुराने अपहरण के मामले में फरार चल रहे नितेश सिंह महाराज ने पुलिसिया दबिश के चलते कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण के पूर्व नितेश सिंह महाराज ने कहा कि जिस मामले में उन्हें घसीटा गया है उसमें उनकी कोई संलिप्तता नहीं है। कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोधियों ने एक साजिश के तहत विधानसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ साजिश रची। इसके चलते उन्हें चुनाव के दौरान क्षेत्र से बाहर रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोर्ट पर पूरा भरोसा है। उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा।
नितेश सिंह महाराज ने माओवाद के खिलाफ आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। उनके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हुए। इसके पूर्व वह वर्ष 2017 व 2022 में जेल गए थे। जेल से निकलने के बाद उन्होंने समाजसेवा की राह पकड़ी।
वर्ष 2020 में पत्नी अर्पणा सिंह को मुखिया बनाया। संपन्न विधानसभा चुनाव में पत्नी अर्पणा सिंह जनसुराज के टिकट पर बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रही। उनकी लोकप्रियता विरोधियों पर भारी पड़ी। यह वजह हैं नितेश सिंह महाराज तड़ीपार कर दिए गए। इसका असर चुनाव परिणाम पर पड़ा।
अधिवक्ता अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि यह मामला वर्ष 2015 का है, और उस समय नितेश सिंह किसी चुनावी गतिविधि में शामिल नहीं थे। उनके अनुसार, इस मामले में नाम जोड़ना राजनीतिक कारणों से प्रेरित प्रतीत होता है।

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