प्राकृतिक आपदा का सामूहिक रूप से करें सामना
बाढ़ एवं बारिश के बीच चिता में डूबे जिलावासी किकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में हैं। खेतों में लगी फसलें नष्ट हो चुकी हैं। हजारों बेघर हो पड़ोसी या कहीं ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
शिवहर। बाढ़ एवं बारिश के बीच चिता में डूबे जिलावासी किकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में हैं। खेतों में लगी फसलें नष्ट हो चुकी हैं। हजारों बेघर हो पड़ोसी या कहीं ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। इस संकट के बीच लगातार हो रही बारिश किसी ईश्वरीय प्रकोप से कम नहीं है। इस बीच बुधवार को फिर से बाढ़ आने की चेतावनी ने सबको हिलाकर रख दिया है। इसी बीच गुरूवार को डीएम अरशद अजीज सहित अन्य आलाधिकारियों ने बागमती नदी के बेलवा घाट का निरीक्षण किया। बाढ़ कि स्थिति से अवगत हुए। वहीं संबंधित अधिकारियों को तटबंधों पर निगरानी रखने का निर्देश दिया। बताया कि बेलवा में जलस्तर में कमी आई है। चुंकि नेपाल में भी बारिश हो रही है ऐसे में बागमती का जलस्तर घट या बढ़ सकता है। प्रकृति पर किसी का नियंत्रण संभव नहीं है लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन विपरीत स्थिति में भी हर संभव सहयोग को तत्पर है। जिला प्रशासन का तंत्र स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है अगर वैसी स्थिति आएगी तो प्रशासनिक संयंत्र पर सूचना प्रसारित की जायेगी। बाढ़ का पानी बढ़ने या आपात स्थिति में प्रभावित लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम जिला में कैंप कर रही है। जरुरत पड़ी तो राहत कैंप एवं भोजन के लिए सामुदायिक किचन फिर से प्रारंभ किए जाएंगे। जरुरत है कि इस प्राकृतिक आपदा का सामना हम सब मिलकर करें यही इंसानियत का तकाजा भी है।
डीएम ने कहा कि परिस्थिति के अनुसार जिले में धारा 144 का प्रयोग जारी है। बाढ़ के पानी के तैरने, नहाने, मस्ती करने, मछली मारने, सेल्फी लेने एवं निजी नावों के परिचालन पर पूर्णत: पाबंदी है। स्मरण दिलाया कि रोक के बावजूद इस तरह की धृष्टता के कारण पूर्व के बाढ़ में कई जानें चली गई है। कहा कि इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर दोषी के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।