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ये सारण का कैसा माडल स्कूल, छात्राओं के लिए नहीं है पीने का पानी

ये सारण का कैसा माडल स्कूल छात्राओं के लिए नहीं है पीने का पानी

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2022 10:08 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2022 10:08 PM (IST)
ये सारण का कैसा माडल स्कूल, छात्राओं के लिए नहीं है पीने का पानी
ये सारण का कैसा माडल स्कूल, छात्राओं के लिए नहीं है पीने का पानी

ये सारण का कैसा माडल स्कूल, छात्राओं के लिए नहीं है पीने का पानी

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सारण। सारण जिले में शिक्षा विभाग का माडल स्कूल राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में पानी के लिए छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को इधर-उधर भटकना पड़ता है। विद्यालय का मोटर पिछले एक साल से खराब है, जिसके कारण शौचालय व वाशरूम में पानी नहीं आता है। वही पिछले एक सप्ताह से स्कूल का चापाकल भी खराब हो गया है, जिसके कारण परेशानी बढ़ गई है। विद्यालय परिसर में दो चापाकल है, लेकिन दोनों से पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में किसी छात्रा को शौचालय या वाशरूम जाना है तो उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है। यहां के शौचालय की भी स्थिति खराब है, जबकि राजकीय कन्या विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष खुद जिलाधिकारी हैं। वहीं माडल स्कूल की देखरेख की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा अभियान) को है। उसके बाद भी विद्यालय की व्यवस्था नहीं सुधर रही है। न शौचालय की स्थिति ठीक, न पानी की व्यवस्था : राजकीय कन्या विद्यालय में कहने के लिए आधा दर्जन से अधिक शौचालय हैं, लेकिन उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। पानी के अभाव में इसका उपयोग छात्राएं नहीं कर पा रही हैं। इस उमस भरी गर्मी में पानी की समस्या से हर कोई जूझ रहा है। विद्यालय की एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नेचुरल काल आने पर छात्राएं घर चली जाती हैं। उन लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस दिशा में स्कूल प्रबंधन कोई प्रयास नहीं कर रहा है। मोटर को ठीक कराने की मांग प्राचार्य से की गई है। शौचालय में पानी नहीं आने के कारण स्कूल में छात्राओं की उपस्थिति भी कम हो रही है। प्राचार्य बोलीं : विद्यालय का मोटर खराब है। उसे बनाने का प्रयास किया जा रहा है। विद्यालय में एक चापाकल है, वह भी खराब हो गया है। उसे ठीक कराया जा रहा है। विद्यालय में वाशरूम व शौचालय को भी बनाया जा रहा है। इससे थोड़ी दिक्कत है। जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। उषा कुमारी प्रधानाध्यापिका, राजकीय कन्या उचित विद्यालय, छपरा वर्जन: विद्यालय में पानी मोटर एवं चापाकल खराब है। उसे ठीक कराने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका को है। पानी के अभाव में छात्राओं को कोई परेशानी हो रही है, इसके लिए जिम्मेदार वहां की एचएम हैं। विद्यालय विकास फंड में राशि की कमी नहीं है। उस राशि से एचएम को पानी का मोटर एवं चापाकल बनवाना चाहिए। धनंजय पासवान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा अभियान) सारण।


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