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गंडक नहर के पानी से बढ़ा तेल नदी का जलस्तर

जहां पहले तेल नदी में सरयू का पानी आता जाता रहा है वहीं इस साल इस नदी में गंडक नहर का पानी बढ़ते जा रहा है। वाल्मीकिनगर बरा•ा का छूटा जल प्रवाह गंडक नहर को उग्र कर दिया। गंडक का पानी नहर के रास्ते तेल नदी में आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 04:30 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 04:30 PM (IST)
गंडक नहर के पानी से बढ़ा तेल नदी का जलस्तर

सारण । जहां पहले तेल नदी में सरयू का पानी आता जाता रहा है, वहीं इस साल इस नदी में गंडक नहर का पानी बढ़ते जा रहा है। वाल्मीकिनगर बरा•ा का छूटा जल प्रवाह गंडक नहर को उग्र कर दिया। गंडक का पानी नहर के रास्ते तेल नदी में आ रहा है।

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बताते चलें कि छपरा के ब्रम्हपुर में सरयू की ओर से एक नदी स्लुईस गेट के रास्ते रेलवे  लाइन के उत्तर दिशा में जाती हैं। कुछ दूर उत्तर जाने के बाद पश्चिम दिशा में मुड़कर टेकनिवास, रेवाड़ी, मझवलिया, रामनगर, सम्होता होते हुए कुमना के मानसर चंवर में विलीन हो जाती है। तेल नदी यहां के किसानों के लिए सदा ही वरदायनी सिद्ध हुई है। वर्षा का अधिक पानी तेल नदी के रास्ते सरयू में चला जाता है। जब सरयू का जलस्तर बढ़ा हुआ हो और खेत में पानी नहीं है तब उस समय तेल नदी का ब्रम्हपुर स्थित स्लुईस गेट उठा दिये जाते हैं। काम लायक पानी मिल जाने के बाद फिर स्लुईस गेट को बंद कर दिया जाता है। बाढ़ का पानी भी तेल नदी से ही सरयू में गिरता है । गंडक का पानी रेवाड़ी, रामनगर, मझवलिया, सम्होता तथा कुमना को डूबो रहा है। रेवाड़ी के पूर्व मुखिया सत्येंद्र सिंह, सम्होता मुखिया पम्मी देवी तथा अशोक नगर मुखिया अमित कुमार सिंह ने डीएम से मांग किया है कि सरयू का जलस्तर अभी स्लुईस गेट से काफी नीचे है इसलिए इसके सभी फाटक उठा दिये जाए ताकि गंडक का पानी चंवर से निकलकर सरयू में गिर जाए।


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