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कोल्ड चैन हेंडलर को दी गई वैक्सीन के रखरखाव की ट्रेनिग

छपरा। सभी अस्पतालों में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन का निर्माण किया गया है। उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा वीरेन्द्र कुमार चौधरी ने अपने कार्यालय में कोल्ड चेन हैंडलरों की एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार को कही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 07:18 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:15 AM (IST)
कोल्ड चैन हेंडलर को दी गई वैक्सीन के रखरखाव की ट्रेनिग
कोल्ड चैन हेंडलर को दी गई वैक्सीन के रखरखाव की ट्रेनिग

छपरा। सभी अस्पतालों में वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन का निर्माण किया गया है। उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा वीरेन्द्र कुमार चौधरी ने अपने कार्यालय में कोल्ड चेन हैंडलरों की एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शनिवार को कही। उन्होंने कहा कि कोल्ड चेन में वैक्सीन के लिए जरूरी तापमान बनाए रखने के लिए नियमित निगरानी की भी जरूरत होती है। शिविर में वैक्सीन की बेहतर प्रबंधन व रख-रखाव का प्रशिक्षण दिया गया। डीआईओ ने कहा कि सभी प्रखंड की दो - दो एएनएम को कोल्ड चेन हेंडलर के रूप में नामित किया गया है, जिन्हें टीके की बेहतर प्रबंधन के लिए ट्रेनिग दी जा रही है। ईविन के रिजनल हेड संतोष कुमार व गोपालगंज भीसीसीएम के द्वारा ट्रेनिग दिया गया। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ईविन) से सदर अस्पताल सहित पीएचसी के कोल्ड चेन प्वाइंट को जोड़ा गया है। इस सिस्टम में एप्प के माध्यम से वैक्सीन के तापमान एवं गुणवत्ता आदि पर नजर रखी जा रही है। जीपीएस से वैक्सीन के कोल्ड चेन मेंटेनेंस सहित अन्य जानकारियां भी आसानी से मिल रही है। इस मौके पर यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, रवि कुमार समेत अन्य शामिल थे।

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क्या है ऑनलाईन मॉनिटरिग

ईविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मानिटरिग की जा रही है और गुणवत्ता पर भी नजर राखी जा जा रही है। सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है। जिसमें कमी या वृद्धि के कारण टीके के ़खराब होने की आशंका रहती है लेकिन कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है। साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं यूनिसेफ के जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है।

इस तरह काम करता है इविन

कोल्ड चेन में टीके रखने के डीप फ्रीजर में थर्मामीटर लगाए हुए हैं। ऐसे में फ्रीजर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा जाने पर मोबाइल से मैसेज व अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर टीके को देख लेता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है।

भंडारण की हो रही है जानकारी अपडेट

कोल्ड चेन स्टाफ को टीके की मॉनिटरिग सिस्टम के लिए स्मार्ट फोन और एक जीबी का डाटा प्लान दिया गया है। वह इविन नेटवर्क की एप के जरिए टीके के स्टॉक को अपडेट करते हैं। इससे आरसीएचओ और जिला कोल्ड चेन मैनेजर को इविन वेबसाइट पर वैक्सीन की करेंट स्टॉक की जानकारी मिल जाती है। साथ ही विकसित किए गए एडवांस एप से कहां कितनी वेक्सिन है, वेक्सिन का रख-रखाव कैसा हुआ है। यह भी जीपीएस से स्वचालित तरीके से अपडेट होता है।


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