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श्रावण मास की पहला सोमवार आज, बन रहे दुर्लभ योग

सारण। भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास रविवार से शुरू हो गया। श्रावण मास का आरंभ श्रवण नक्षत्र म

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 11:29 PM (IST)
श्रावण मास की पहला सोमवार आज, बन रहे दुर्लभ योग

सारण। भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास रविवार से शुरू हो गया। श्रावण मास का आरंभ श्रवण नक्षत्र में हुआ है। इसमें आयुष्मान योग भी बना, जिसमें रोग व कष्ट खत्म होगा। श्रावण मास के पहले दिन हर -हर महादेव के जयघोष से चप्पा -चप्पा गूंज उठा। भगवान भोले दानी को जलाभिषेक व पूजा -अर्चना श्रद्धालुओं ने अपने - अपने घरों में ही किया। क्योंकि कोराना संक्रमण को लेकर शिवालय को नहीं खोला गया है। वहां सिर्फ वहां के मुख्य पुजारी ही श्रृंगार एवं जलाभिषेक किया। घर में भगवान शंकर की तस्वीर रख करें अभिषेक

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आचार्य डा. योगेंद्र पांडेय ने कहा कि यह मास आयु विद्या, स्वास्थ्य, व शांति के लिए श्रेष्ठ है। भोले नाथ सिर्फ हाथ जोड़कर स्मरण करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी पूजा घर में तस्वीर रखकर करें। तस्वीर के सामने थाली रख दें। महादेव का स्मरण करके इस जल को तस्वीर के सामने रखे थली में डालने से ही जलाभिषेक का फल मिलता है। श्रावण मास के पहले दिन शिवभक्तों ने घरों में ही महादेव की पूजा - अर्चना की। मन में स्मरण करने से ही प्रसन्न होते हैं भगवान शिव

सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नर-नारी स्नान -ध्यान कर अपने घर में रखें शिवजी के तस्वीर के सामने खड़े होकर उनका स्मरण करें। शिवजी भोलेदानी हैं। वह स्मरण करने से ही प्रसन्न हो जाते है। पंडित संपत कुमार मिश्र ने बताया कि शिव का मन में स्मरण कर ऊं नम: शिवाय के पंचाक्षर मंत्र के जाप से भोले नाथ प्रसन्न हो जाते है। उसके लिए उन्हें अभिषेक करने तक की जरूरत नहीं है। जो भक्त अभिषेक करना चाहते हैं, वे देवों के देव महादेव को दूध, दही, घी, गन्ना रस, जल से अभिषेक करेंगे। अभिषेक के बाद बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, कुमकुम, रक्त चंदन, मलायागिरि चंदन, शमी पत्र चढ़ाकर पूजा करेंगे। उसके लिए घर में ही भोले नाथ की तस्वीर के सामने थाली रख दे। इस बार श्रावण मास में होंगे चार सोमवारी :

पंडित अनित शुक्ल ने बताया कि इस बार श्रावण मास में चार सोमवार पड़ेंगे, जिसमें भगवान शिव भक्तों पर अपनी कृपा से झोली भर देंगे। :-

पहली सोमवार (26 जुलाई):

श्रावण मास का पहला सोमवार है। इस दिन धन प्रदाता धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य के बाद शोभन योग, वरियान और महाशुभ नामक औदायिक योग है। इस दिन के व्रत से आर्थिक लाभ और दरिद्रता खत्म होगी। दूसरी सोमवार(दो अगस्त) :

श्रावण मास का दूसरी सोमवार दो अगस्त को है। इस दिन कृतिका के बाद रोहिणी नक्षत्र, वृद्धि योग, गर करण और सुस्थिर नामक औदायिक योग है। चंद्रमा उच्चाभिलाषी है। इस दिन के व्रत से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति एवं संतान पक्ष के अभ्युदय का योग मिलेगा। तीसरी सोमवार(नौ अगस्त ) :

श्रावण मास का तीसरी सोमवार नौ को है। इस दिन श्लेषा के बाद मघा नक्षत्र, वरियान योग, किस्तुघ्न करण और औदायिक योग सौम्य का मान है। इस दिन के व्रत से पुण्य की अभिवृद्धि और पापों का क्षय होगा। चौथी सोमवार(16 अगस्त ) :

श्रावण मास का चौथी सोमवार 16 को है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र, ब्रह्म योग, वरियान और मानस नाम का औदायिक योग है। इस दिन के व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होगी।


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