दस सीटों में मढ़ौरा सीट पर खास नजर, जुड़ी है प्रतिष्ठा
सारण । यह सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट है। इस सीट पर पूरे जिले की नजर है। जिला मुख्यालय यान
सारण । यह सारण जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट है। इस सीट पर पूरे जिले की नजर है। जिला मुख्यालय यानी छपरा छोड़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यहीं पर चुनावी सभा हुई थी। इस मायने में यह सीट खास हो जाती है। हार-जीत के लिहाज से यूं तो जिले की हर सीट अहम है पर मढ़ौरा कुछ ज्यादा ही खास हो गई है। यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई है। दोनों ही पक्ष अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस सीट से बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। कई बडे़ नेताओं ने यहां से अपने प्रत्याशी के लिए जीत की अपील की, पर प्रधानमंत्री की सभा के अपने मायने हैं।
तीसरे चरण की चुनावी जनसभाओं की शुरुआत प्रधानमंत्री ने यहीं से की थी। यहीं से वह एक नए अवतार में नजर आए थे। मढ़ौरा से ही दसों विधानसभा सीट पर जीत की अपील करते हुए संदेश दे गए थे। विरोधियों के किए हर सवाल का प्यार से उन पर ही पलटवार कर नया रूप दिखा गए थे। मढ़ौरा से हर सीट पर जीत की अपील खुद उसी सीट पर कितनी कारगर बैठती है, यह देखने वाली बात होगी। इसको लेकर चौक-चौराहों पर चर्चा का बाजार गर्म है। लोगों की नजर इस सीट के नतीजे पर टिकी है।
मढ़ौरा विधानसभा सीट को लेकर चौक-चौराहों पर अपनी तरह की अलग चर्चा है। हर कोई इसे सीधे प्रधानमंत्री से जोड़ कर देख रहा है। यहां से एनडीए की तरफ से भाजपा प्रत्याशी लालबाबू राय चुनावी महासमर में हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन से राजद के जितेन्द्र राय ने ताल ठोंकी है। दोनों ही अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इस सीट पर जीत-हार के कई मायने निकाले जाएंगे। बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा भी इससे जुड़ी है। आइटीआइ मैदान में हुई प्रधानमंत्री की सभा के बाद यहां चुनावी समीकरण बदले भी। बढ़े मतदान प्रतिशत पर दोनों ही पक्ष अपना-अपना हक जता रहे हैं। रविवार को मालिक का फैसला सामने आ जाएगा। उसके बाद एक बार फिर मढ़ौरा में जीत-हार के आंकलन के दौरान बड़े नेताओं का नाम आना तय है। सबकी नजर इस ओर है कि यहां ऊंट किस करवट बैठता है।