जेपीयू में सत्र को सुचारू करने के लिए लागू होगा जीरो सेशन
सत्र को नियमित करने के लिए-विवि में इसी सत्र से च्वाइस बेस्ट सिस्टम लागू किया जाएगा। - पीजी में सीबीसीएस लागू करने में छात्रसंघ
-विवि में इसी सत्र से लागू होगा च्वाइस बेस्ट सिस्टम
- पीजी में सीबीसीएस लागू करने में छात्रसंघ की दिलचस्पी नहीं
जागरण संवाददाता, छपरा :
जयप्रकाश विश्वविद्यालय में सत्र नियमित करने के लिए जीरो सेशन करने की हरी झंडी राजभवन ने दे दी है। फिलहाल दो साल विलंब से सेशन चल रहा है। इसके कारण पीजी के विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा परेशानी है। उनका सेशन करीब तीन साल पीछे चल रहा है। विश्वविद्यालय में स्नातक शैक्षणिक सत्र 2013 -16 की फाइनल परीक्षा वर्ष 2018 में हो गई। उसका रिजल्ट जारी होने के बाद ही पीजी सत्र 2016-18 का संचालन हो सकेगा। जबकि राजभवन की ओर से शैक्षणिक सत्र 2018-20 से पीजी में हर हाल में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करना है। इसके लिए दिशा -निर्देश पहले ही जारी हो चुका है। विश्वविद्यालय ने भी आश्वस्त कर दिया है कि वह इसे लागू करेगा। लेकिन 2018 में अगर 2016 बैच के स्नातक पासआउट का बैक सेशन में एडमिशन होगा तो यह संभव नहीं होगा। इसलिए बैकलॉग को खत्म करने के लिए राजभवन वैकल्पिक व्यवस्था पर जोर दे रहा है। यूजीसी की नियमावली के तहत एक शैक्षणिक सत्र में 190 दिन की कक्षाएं संचालित होनी है। विवि में पीजी स्तर पर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जा रहा है तो एक सेमेस्टर में 90 दिन की कक्षाएं अनिवार्य हो जाएंगी।
पीजी सत्र को जीरो करके च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम लागू किया जाएगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोपोजल तैयार कर लिया है। विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि राजभवन में कुलपतियों की बैठक में जेपीयू का प्रस्ताव रखा गया था।
इनसेट :
ऐसे लागू होगा जीरो सेशन
जेपी विश्वविद्यालय में स्नातक फाइलन ईयर की परीक्षा हो चुकी है। उनका सेशन 2013 -16 है, अगर विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर के दो सेशन को जीरो घोषित करती है तो इससे 2016 में पासआउट विद्यार्थियों को 2018-20 सेशन में पीजी करने का मौका मिलेगा। शैक्षणिक सत्र 2014 -17 और 2015 -18 के स्नातक के विद्यार्थियों की परीक्षा दिसंबर तक लेनी होगी। हालांकि जेपीयू में जीरो सेशन कर पीजी में नामांकन कराने के लिए न तो छात्रसंघ अध्यक्ष ने मांग की है न ही किसी छात्र संगठन ने इस मुद्दे को उठाया है।