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बाबूओं की कारगुजारी से पेड़ के नीचे पढ़ रहे बच्चे

संवाद सूत्र, तरैया: नंदनपुर अनुसूचित जाति टोले में 2015 से ही बिना भवन के विद्यालय चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 03:54 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 03:54 PM (IST)
बाबूओं की कारगुजारी से पेड़ के नीचे पढ़ रहे बच्चे
बाबूओं की कारगुजारी से पेड़ के नीचे पढ़ रहे बच्चे

संवाद सूत्र, तरैया: नंदनपुर अनुसूचित जाति टोले में 2015 से ही बिना भवन के विद्यालय चल रहा है। बच्चे पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। यह स्कूल मौसम के अनुरूप चलता है। जब मौसम बिगड़ता है तो बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। इस विद्यालय के भवन निर्माण की दिशा में बाबुओं की उदासीनता साफ नजर आती है। स्कूल के लिए जमीन दान करने वाले तैयार हैं लेकिन इस राह में काफी पेच है। एक ग्रामीण कुबेर नाथ शर्मा विद्यालय का भवन बनाने के लिए जमीन दान करने के लिए तैयार हुए। कुछ कानूनी पेंच के कारण संबंधित कार्यालयों के बाबूओं की लापरवाही के कारण निबंधन का आज तक आदेश नहीं मिला। कुबेर नाथ शर्मा अंचल कार्यालय तरैया, अनुमंडल कार्यालय मढ़ौरा, जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय छपरा, डीएम के जनता दरबार आदि का लगा चक्कर लगा रहे हैं। श्री शर्मा बताते हैं कि समाहरणालय छपरा द्वारा दो बार उनके आवेदन को लौटा दिया गया। तत्कालीन डीएम हरिहर प्रसाद के यहां शिकायत करने के बाद पुन: अंचल कार्यालय से आवश्यक जानकारी मांगी गई। अंचल कार्यालय से पुन: दिशा निर्देश के आलोक में रिपोर्ट भेजी गई लेकिन अबतक कोई परिणाम नहीं आया है।

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बता दें 2015 में नंदनपुर गांव के दलित टोला में नव सृजित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई थी। तब से कुबेर नाथ शर्मा के फुस के दालान में पढ़ाई प्रारम्भ हुई। उसके बाद कुछ क्षेत्रीय राजनीति करने वाले लोग सक्रिय हुए। विद्यालय भवन का निर्माण नहीं होने से नामांकित बच्चों को न एमडीएम का लाभ मिलता है और न ही पोशाक राशि और छात्रवृति की राशि मिल पाती है। 

क्या कहते हैं अंचल अधिकारी

अंचल अधिकारी विरेंद्र मोहन ने बताया कि नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नंदनपुर के भवन निर्माण के लिए रैयत कुबेर नाथ शर्मा द्वारा राज्यपाल बिहार सरकार के नाम जमीन रजिस्ट्री करने का आवेदन दिया गया था। आवश्यक जानकारी के साथ आवेदन को अपर समाहर्ता को भेज दिया गया है। शीघ्र ही निबंधन कराने का आदेश मिल जाएगा।


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