पैक्सों का 9081एमटी चावल शीघ्र पहुंचेगा गोदाम, 22 रुपये में खरीदेंगे बोरा
बोरे खरीद का आदेश सरकार ने दे दिया है। प्रति बोरा 22 रुपये का दर निर्धारित किया गया है।
जासं, छपरा : किसानों से खरीदे धान और मिलों में पड़ा चावल बोरे की समस्या के कारण गोदाम तक नहीं पहुंच रहा था। यह समस्या करीब दो महीने से बनी हुई थी। दैनिक जागरण ने पिछले दिनों इस समस्या पर प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार का ध्यान खींचा था। इसका असर हुआ कि सरकार ने इस समस्या का हल निकाल लिया। पैक्स और मिलों में पड़े चावल अब पुराने बोरे में भी गोदाम तक पहुंचाया जा सकेंगे। इसके लिए बोरे जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों से खरीदे जाएंगे। इसके लिए प्रति बोरा 22 रुपये दर निर्धारित कर दिया गया है। अब शीघ्र ही पैक्सों का चावल गोदाम तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
मालूम हो कि खरीफ मौसम 2019-20 में जिले के लिए 59,510 एमटी धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें करीब 55 फीसदी लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए कुल 33,117 एमटी धान का क्रय हुआ। यह धान कुल 4743 किसानों से खरीदे गए थे। शुरुआती दौर में बोरे की सामान्य उपलब्धता से करीब 21,744 एमटी धान मिलों को भेज दिया गया। इसमें करीब 12, 663 एमटी चावल मिलों ने खरीद एजेंसियों के माध्यम से एसएफसी गोदाम को उपलब्ध करा दिया। शेष करीब 9, 081 एमटी चावल बोरे के अभाव में मिलों के पास ही पड़े थे। इधर पैक्सों और व्यापार मंडलों के पास 11, 373 एमटी धान पड़े हुए थे, जिन्हें मिलों को पहुंचाना था। बोरे की कमी इसमें बाधक बन गई थी। यह स्थिति पिछले दो महीने से बनी हुई रही। इधर लॉकडाउन ने इस समस्या को और बढ़ा दिया। सबकुछ बंद होने और वाहनों के आवागमन बाधित रहने से बोरे की आपूर्ति नहीं हो सकी।
जिले में धान क्रय की स्थिति पर यदि नजर डाला जाए तो सबसे खराब स्थिति दिघवारा और सोनपुर प्रखंडों की रही है। दिघवारा में 1830 एमटी लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 40 एमटी और सोनपुर में 2594 एमटी लक्ष्य के विरूद्ध केवल 161 एमटी धान खरीदे गए। वहीं इन दोनों प्रखंडों के सारे धान अभी भी खरीद एजेंसियों के पास ही पड़े हैं। बोरे के अभाव में इसे मिलों तक पहुंचाया नहीं जा सका। बनियापुर, मांझी और मढ़ौरा प्रखंडों ने अच्छा प्रदर्शन किया. बनियापुर में 5207 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध 583 किसानों से 4011 एमटी खरीद हुए। मांझी में 4131 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध 562 किसानों से 3467 एमटी तथा मढ़ौरा में 3898 एमटी लक्ष्य के विरुद्ध 454 किसानों से 3404 एटी धान का क्रय किया गया. हालांकि इन तीनों प्रखंडों के करीब 2720 एमटी धान अभी भी इनके पैक्स और व्यापार मंडलों में पड़े हैं। बोरे की समस्या से एजेंसियों के पास पड़े धान खराब होने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। वर्जन-
पैक्स और व्यापार मंडलों में क्रय धान के पड़े रहने की समस्या दूर कर ली गई है। सरकार ने स्थानीय स्तर पर डीलरों से खरीद का आदेश दे दिया है। 22 रुपये की दर से बोरे खरीदे जाएंगे। मिलों से तैयार चावल गोदाम तक पहुंच जाएगा तब एसएफसी इन बोरे की राशि क्रय एजेंसियों को भुगतान कर देगी। उम्मीद है कि अब शीघ्र ही सभी चावल गोदाम तक पहुंच जाएंगे।
- नेसार अहमद,
डीसीओ, सारण.