मढ़ौरा की अस्मिता से जोड़ रहे आंदोलन को
संसू, मढ़ौरा : मढ़ौरा डीजल इंजन कारखाने से निकलने वाले इंजन पर यूपी के रोजा का नाम लिखा जाना लोगों
संसू, मढ़ौरा : मढ़ौरा डीजल इंजन कारखाने से निकलने वाले इंजन पर यूपी के रोजा का नाम लिखा जाना लोगों को नागवार गुजर रहा है। इसको लेकर आंदोलन का दौर शुरू है। सोमवार को स्थानीय लोगों ने कारखाने के मुख्य द्वार पर धरना दिया। कारखाने में काम करने के लिए आने वाले कर्मियों को प्रवेश करने नहीं दिया।
इस आंदोलन को मढ़ौरा के मान-सम्मान व अस्मिता से जोड़ा जा रहा है। लेकिन इतने बड़े आंदोलन के बाद भी प्रबंधन की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई है।
आंदोलनकारियों को उम्मीद थी कि धरना-प्रदर्शन के बाद वार्ता होगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पुलिस के वहां पहुंचने और गिरफ्तारी के बात कहते ही लोग मढ़ौरा थाने की ओर कूच कर गए।
आंदोलन में सक्रियता दिखा रही विपक्ष की पार्टियां
रोजा की जगह मढ़ौरा लिखे जाने की मांग को ले शुरु आंदोलन में विपक्ष की पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता ज्यादा सक्रियता दिखा रहे हैं। इस आंदोलन में राजद के साथ ही कांग्रेस, जाप एवं वाम दल के नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। हालांकि कहा जा रहा है कि यह किसी दल या पार्टी की नहीं जनमानस की मांग है। इधर प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र राय ने बताया कि संघ का पूरा समर्थन इस आंदोलन को मिलेगा। एक-दो दिन में संघ की बैठक कर निर्णायक लड़ाई की रणनीति बनाई जाएगी। किसान मजदूर नेता हर्षवर्धन दीक्षित ने कहा कि इस आंदोलन को किसी पार्टी से जोड़कर नही देखा जाए। जो इसे राजनीति कपार्टी के साथ जोड़कर देख रहे है वे इस आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं। आंदोलन मामले में विधायक सहित 93 पर प्राथमिकी
सोमवार को डीजल इंजन कारखाना ताल पुरैना मढ़ौरा के मुख्य द्वार व सड़क पर प्रदर्शन कर काम रोकने के मामले में 93 के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें मढ़ौरा के विधायक जितेंद्र कुमार राय सहित परमात्मा राय, हर्षवर्धन दीक्षित, मनोज गुप्ता आदि प्रमुख हैं।
पुलिस ने विधायक समेत 93 लोगों को नामजद करने के साथ ही हजारों अज्ञात को आरोपित किया है। कहा गया है कि लोगों ने फैक्ट्री का काम अवरुद्ध किया। फैक्ट्री तक जाने वाली मुख्य सड़क को जाम कर दिया। इस आंदोलन में विधायक जितेंद्र कुमार राय भी अपने समर्थकों के साथ इस आंदोलन के समर्थन में उतरे थे। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया। परंतु आंदोलन कर्मी टस से मस नहीं हुए । बाद में उन्हें गिरफ्तार कर बांड भरवाने के बाद छोड़ दिया गया।