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महाजाम से फिर से कराहने लगे सारण के भिखारी चौक से डोरीगंज तक के लोग

महाजाम से फिर से कराहने लगे भिखारी चौक से डोरीगंज तक के लोग

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2022 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2022 10:05 PM (IST)
महाजाम से फिर से कराहने लगे सारण के भिखारी चौक से डोरीगंज तक के लोग
महाजाम से फिर से कराहने लगे सारण के भिखारी चौक से डोरीगंज तक के लोग

महाजाम से फिर से कराहने लगे सारण के भिखारी चौक से डोरीगंज तक के लोग

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सारण । छपरा-पटना मुख्य मार्ग पर छपरा से लेकर डोरीगंज तक के लोग महाजाम के कारण एक बार फिर से कराहने लगे हैं। इस मार्ग पर फिर से महाजाम का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार की रात से लेकर मंगलवार के दिन तक भयंकर जाम लगा रहा। हालांकि विशुनपुरा आरओबी के चालू हो जाने से लोगों को लगा था कि अब जाम से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन आरओबी के पूरी तरह से जर्जर हो जाने व अवैध बालू लदे ट्रक व ट्रैक्टर की अधिकता के कारण महाजाम की समस्या फिर से उत्पन्न हो गई है। जानकारी के अनुसार छपरा-पटना मुख्य सड़क पर एक बार फिर जाम का सिलसिला शुरू हो गया है। शाम से बालू लदे ट्रक और ट्रैक्टर सड़क किनारे लगना शुरू हो जाता है। दस बजे रात के बाद से भयंकर जाम शुरू हो जाता है, जो कि सुबह के दस बजे तक भी नहीं टूटता है। कभी-कभी अवतार नगर थाना क्षेत्र के झौंवा से आमी मोड़ तक जाम लग जाता है। सोमवार व मंगलवार की सुबह का नजारा छपरा से डोरीगंज तक कुछ ऐसा ही था। उसमें कई विद्यालय के वाहन, ट्रेन पकड़ने वाले पैसेंजर फंसे हुए थे। दोनों लेन में तीन तीन पंक्तियों में बालू लदे ट्रक और ट्रैक्टर खड़े थे। जाम से निजात दिलाने के कोई पुलिस प्रशासन मौके पर नहीं था। जाम का आलम ऐसा था कि बाइक निकालना तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल था। यात्रियों व ग्रामीणों ने बताया कि एनजीटी के आदेश के अनुसार खनन बंद है। कहीं भी चालान नहीं कट रहा है। फिर इतने वाहनों पर बालू लाद कैसे परिवहन किया जा रहा है। इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। कैसे आदमी इस रास्ते से सफर करेगा। यदि जाम का आलम यही रहेगा तो बच्चे समय से विद्यालय कैसे जाएंगे। बच्चों के भविष्य का क्या होगा। डोरीगंज के रास्ते छपरा या पटना की यात्रा करना भगवान भरोसे हो गया है। यात्रियों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। जाम की स्थिति देखकर लोग स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना कि बालू का परिवहन 24 घंटे कीजिए, लेकिन लोगों को जाम से मुक्ति दीजिए।


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