अक्षय तृतीय पर है विशेष योग
सूर्यदेव 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे।
छपरा। सूर्यदेव 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। जिसके साथ ही खरमास खत्म हो जाएगा। खरमास खत्म होते ही शादी-ब्याह, मुंडन व नामकरण संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। विवाह का शुभ मुहूर्त 16 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। खरमास खत्म होने के कारण चार माह बाद सड़कों पर बैंड, बाजा व बराती दिखेंगे। लगन का मौसम शुरू होने पर बाजार पूरी तरह से गुलजार हो गया है। बर्तन से लेकर कपड़ा एवं सर्राफा बाजार में भीड़ बढ़ गई है। सर्राफा बाजार से लेकर कपड़ा बाजार में लगन को लेकर छूट भी दी जा रही है। इस लगन में गर्मी अधिक पड़ने के कारण दुल्हन से लिए गर्मी के लायक अरामदेह लहंगा, साड़ी बिकने के लिए बाजार में आ गई है। दूल्हा के लिए शेरवानी, कोर्ट पैंट, जूता की भी खूब डिमांड है। इसके साथ ही शादी को लेकर रोड लाइट, रोड डीजे, फ्लोर डीजे, बग्गी, फूल वाले की डिमांड बढ़ गई है। इनके यहां लोगों की भीड़ लग रही है। जिनकी घरों में शादी है वे पंडित जी को भी शादी करने के लिए अभी अग्रिम देकर रिजर्व कर रहे हैं। विवाह का शुभ मुहूर्त 16 अप्रैल से प्रारंभ होकर तीन जुलाई तक रहेगा। पंडित ज्योतिषाचार्य अनित शुक्ल ने बताया कि इन चार महीनों में 43 दिन मुहूर्त है। सर्वाधिक 17 मुहूर्त मई महीने में है। लेकिन सबसे अधिक जोड़े 29 अप्रैल को दांपत्य सूत्र में बंधेंगे। पंडित संपत कुमार मिश्र ने बताया कि अक्षय तृतीया को अबूझ व विशेष मुहूर्त है। इस दिन कोई भी कार्य करने पर क्षय नहीं होता है। अक्षय तृतीय को शादी ही नहीं कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए किसी प्रकार की तिथि व समय देखने की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने बताया कि मेष संक्रांति (14 अप्रैल) का दिन ¨हदू धर्म के मानने वालों लोगों के लिए विशेष फलदायी होता है। इस दिन सूर्य पूजा करने से विशेष फलदायक होता है। 14 मार्च से ब्रेक लगा मांगलिक कार्य इसी दिन प्रारंभ होगा, जो चार जुलाई को देवशयनी एकादशी तक चलेगा। इसके बाद विवाहों के मुहूर्तो पर फिर से नवंबर तक के लिए ब्रेक लग जाएगा।
इनसेट :
विवाह का शुभ मुर्हूत
-अप्रैल -16,17,18,19,20,21,23,24,28,29व30
-मई - 4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,16,21,22,25,26 व31
-जून -1,4,5,8,11,12,18,19,22,28,29व30
-जुलाई - 1, 2 व