3.16 करोड़ से बनेगा खदरा नदी पर पुल
स्थानीय तरैया बाजार स्थित खदरा नदी पर अंग्रेजों के जमाने के बने पुल के दिन बहुरने वाले हैं। इस जगह पर एक नया पुल 3 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने जा रहा है। इसकी स्वीकृति मिल गई है। ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में एक पत्र निर्गत किया है। पत्र महालेखाकार बिहार पटना को प्रेषित है।
संवाद सूत्र, तरैया : स्थानीय तरैया बाजार स्थित खदरा नदी पर अंग्रेजों के जमाने के बने पुल के दिन बहुरने वाले हैं। इस जगह पर एक नया पुल 3 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने जा रहा है। इसकी स्वीकृति मिल गई है। ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में एक पत्र निर्गत किया है। पत्र महालेखाकार बिहार पटना को प्रेषित है।
पत्र में कहा गया है कि तरैया बाजार के नजदीक खदरा नदी पर उच्चस्तरीय आरसीसी पुल निर्माण कार्य होना है। उक्त पुल की लंबाई 34.22 मीटर है। इसके निर्माण में 314.60 लाख तथा अनुरक्षण की राशि 1.60 लाख अर्थात कुल मिलाकर तीन करोड़ 16 लाख 20 हजार रुपये की लागत आएगी। इस पुल को दो वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
बता दें 31 जनवरी 2017 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समाहरणालय में संपन्न सारण, सिवान व गोपालगंज की जिलास्तरीय समीक्षा बैठक में तरैया विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने खदरा नदी पर पुल के निर्माण के लिए अनुरोध किया गया था। उस पर संज्ञान लिया गया और संयुक्त सचिव राकेश कुमार ने सचिव ग्रामीण कार्य विभाग बिहार पटना को पुल निर्माण के लिए अति शीघ्र कार्रवाई करने तथा कार्रवाई संबंधी सूचना जनप्रतिनिधि को उपलब्ध कराते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजने का निर्देश दिया था।
विधायक मुद्रिका प्रसाद राय ने बताया कि काफी प्रयास के बाद डीपीआर बना था और करीब छह महीने बाद ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव द्वारा इस पुल की स्वीकृति प्रदान की गई है। अब स्वीकृति मिल जाने के बाद टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और कार्य शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। इस पुल का निर्माण हो जाने से एक बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा। कुछ दिनों पूर्व इस सड़क की भी स्वीकृति मिल गई है। सड़क और पुल दोनों का एक साथ निर्माण हो जाने से लोगों के मन से डर समाप्त हो जाएगा। क्योंकि इस पुल से जब गाड़ियां गुजरती है तब यह पुल कंपन करने लगता है।
उल्लेखनीय है यह पुल तरैया के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व पुराना पुल है जो अंग्रेजों के समय का है। यह पुल तरैया का लाइफलाइन कहलाता है। इस पुल से तरैया प्रखंड मुख्यालय, दुग्ध शीतलीकरण केंद्र, रेफरल अस्पताल, पशु चिकित्सालय, एसएसबी कैंप, तरैया थाना समेत दर्जनों गांव का आवागमन जुड़ा है। इस पुल को पार करते समय लोगों के मन में हमेशा डर समाया रहता है। इस पुल को वर्षों से उद्धारक की तलाश थी। अगस्त 2017 में आए भीषण बाढ़ में यह पुल ध्वस्त हो गया रहता। लेकिन प्रशासन अलर्ट था जिस कारण यह पुल बच गया और अभी तक इस पुल का उपयोग किया जा रहा है। पुल की स्वीकृति मिल जाने पर लोगों ने विधायक को बधाई दिया है।