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लहलादपुर में डीलर के खिलाफ एमओ ने दर्ज कराई प्राथमिकी

प्रत्येक माह राशन केरोसिन का वितरण न करना जनवितरण प्रणाली के एक दुकानदार को महंगा पड़ा। दयालपुर पंचायत के डीलर रामेश्वर राम के खिलाफ प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राजीव कुमार ने जनता बाजार थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा सात के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:10 PM (IST)
लहलादपुर में डीलर के खिलाफ एमओ ने दर्ज कराई प्राथमिकी

राशन किरासन का वितरण न करने का आरोप, दुकान से संबधित पंजी  जब्त

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लहलादपुर: प्रत्येक माह राशन केरोसिन का वितरण न करना जनवितरण प्रणाली के एक दुकानदार को महंगा पड़ा। दयालपुर पंचायत के डीलर रामेश्वर राम के खिलाफ प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राजीव कुमार ने जनता बाजार थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा सात के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। उपभोक्ताओं की शिकायत पर एमओ डीलर के दुकान की जांच करने गए थे। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर डीलर के गोदाम से लगभग 52 ¨क्वटल राशन भी जब्त कर नजदीकी डीलर परशुराम ¨सह को जिम्मेनामे पर सौंपा है।

बताया जाता है कि सेंदुआर गांव टोले फाटक पर के दर्जनो उपभोक्ताओं ने एमओ से शिकायत की थी कि उनलोगों के डीलर रामेश्वर राम द्वारा राशन केरोसिन का वितरण समय पर नहीं किया जाता है। आरोप था कि डीलर द्वारा तीन चार माह के अंतराल पर राशन किरासन का वितरण किया जाता है। राशन वितरण के समय भी डीलर के द्वारा मनमानी की जाती है। तय मात्रा से कम राशन का वितरण किया जाता है। अधिक वसूली की जाती है। एक माह का राशन किरासन देकर तीन माह का वितरण दर्ज कर देते है।

उपभोक्ताओं की शिकायत पर एमओ ने डीलर रामेश्वर राम के जन वितरण दुकान की जांच की थी। जांच के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा डीलर पर लगाए गए आरोप सही साबित हुए। जांच के दौरान एमओ ने उपभोक्ता ब्रजेश राम, राकेश कुमार, संतोष राम, गोलू कुमार, मुसाफिर राम, कबूतरी देवी और सवलिया राम समेत दो दर्जन उपभोक्ता का बयान भी दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि डीलर उपभोक्ताओं को कैसमेमो भी नहीं देते और उपभोक्ताओं के साथ गलत व्यवहार भी करते है।

इस संबंध में जनता बजार थानाध्यक्ष मनोज कुमार ¨सह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। एमओ राजीव कुमार ने बताया कि उपभोक्ताओं के बयान से ये साफ प्रतीत होता है कि डीलर द्वारा राशन किरासन की कालाबाजारी की जाती है। वही उपभोक्ताओं के राशन कार्ड और वितरण पंजी पर फर्जी तरीके से वितरण दर्ज किया जाता है।


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