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शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच करें सुनिश्चित : अपर परियोजना निदेशक

शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच जरूरी है। तीन महीने में जांच हो जाने पर शिशु को संक्रमणमुक्त रखा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:16 AM (IST)
शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच करें सुनिश्चित : अपर परियोजना निदेशक
शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच करें सुनिश्चित : अपर परियोजना निदेशक

जासं, छपरा : शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है। इसका अनुपालन कराने की जिम्मेवारी सिविल सर्जन समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दी गई है। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी। उक्त बातें बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ अभय प्रसाद ने सिविल सर्जन कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बुधवार को कही।

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इसके पहले उन्होंने सिविल सर्जन समेत सभी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ बैठक की और जिले में चल रहे एचआइवी जांच के कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में करीब 61 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच हो रही है, इसे हर हाल में शत-प्रतिशत सुनिश्चित करना है। इसके लिए उन्होंने जन सहभागिता को बढ़ावा देने पर बल दिया और कहा कि इसमें सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को तीन मुख्य जिम्मेदारी लेनी होंगी। पहला वह स्वयं की एचआइवी जांच कराएं। दूसरा अपने घर तथा आस-पास की प्रत्येक गर्भवती महिलाओं की एवं तीसरा अपने रिश्तेदारों व मित्रों की जांच करवाएं। इससे हम एचआइवी संक्रमण पर काबू पाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि एचआइवी जानलेवा बीमारी है और सुरक्षा ही इसका बचाव है। साथ ही जांच में समय पर पता चल जाने से इसके संक्रमण को फैलने से न केवल रोका जा सकता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चों को भी संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तीन माह की गर्भवती महिलाओं की एचआइवी जांच होने से यह संभव हो सकेगा। तीन माह की गर्भवती महिला अगर एचआइवी पॉजिटिव पाई जाती है तो, छह माह तक ए आर टी सेंटर में उसे दवा दी जाएगी, जिससे उसका बच्चा एचआइवी से संक्रमण मुक्त पैदा होगा।

उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी जांच की व्यवस्था की गई है। साथ ही अब राज्य के सभी जेलों में आने वाले बंदियों की एचआइवी जांच कराई जा रही है । इस मौके पर सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा, पीपीटीसीटी राज्य समन्वयक आशीष कुमार, डीपीएम अरविद कुमार, केंद्र के परामर्शी उर्मिला कुमारी, अभय कुमार दास, धनंजय कुमार एवं प्रवीण कुमार आदि मौजूद थे।


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