सारण के बाबा गुप्तेश्वरनाथ मंदिर में जुटती भक्तों की भीड़
बाबा गुप्तेश्वरनाथ का मंदिर दिघवारा नगर पंचायत के चकनूर गांव में स्थित है। यहां सावन माह में भीड़ लगती है। अन्य दिनों भी भक्त मंदिर पहुंचते हैं।
संसू, दिघवार : बाबा गुप्तेश्वरनाथ का मंदिर दिघवारा नगर पंचायत के चकनूर गांव में स्थित है। यहां का प्राचीन शिवलिग आस्था का प्रतीक है। वैसे तो वर्षभर मंदिर में श्रद्धालु पूजा-अर्चना को आते हैं, लेकिन श्रावण मास में यह मंदिर श्रद्धा का केंद्र बना रहता है। यहां शिवलिग स्वयंभू हैं। लोगों की मुरादें पूरी होने के कारण दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। महाशिवरात्रि पर यहां विशेष शिवपूजा व शिव बरात के चलते श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिलता है।
मंदिर का इतिहास
कहते हैं कि आज से 100 साल पहले यहां घोर जंगल हुआ करता था। एक बार ग्रामीणों की मदद से जंगल की सफाई शुरु हुई। उसी रात यही के एक निवासी को भगवान शिव ने स्वप्न दिया, कि मैं इन्हीं जंगलों के बीच मिट्टी में दबा हुआ हूं। मुझे बाहर निकालो। सुबह उसने अपना स्वप्न ग्रामीणों को बताया। तब सभी ग्रामीणों ने मिलकर वहां खुदाई करवाई। थोड़ी से खुदाई के बाद वहां शिवलिग निकल आया। तभी से वहां पूजा-अर्चना होने लगी। एक अन्य पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती जब बिन बुलाए अपने पिता दक्ष के द्वारा आयोजित यज्ञ में चली गई थी, तब भगवान शिव सती पर नजर रखने के लिए गुप्तरूप से यहां प्रकट हुए थे। इसलिए इस मंदिर का नामकरण गुप्तेश्वरनाथ मंदिर पड़ा। -------
मंदिर की विशेषता
बाबा गुप्तेश्वरनाथ मंदिर पर प्रतिदिन दूरदराज से लोग दर्शन पूजन आदि के लिए आते है, लेकिन सावन महीने में जलाभिषेक करने वालों की काफी भीड़ होती है। वर्ष में कई बार अद्भुत शृंगार किया जाता है। शिवरात्रि पर बाबा का विशेष शृंगार किया जाता है। मंदिर का शिवलिग चमत्कारिक है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से बाबा के दरबार में शीश नवाते है और पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें मनोवांछित फल मिलता है। श्रावन मास में तो रोजाना ही श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। इधर आमी गंगा घाट से जलभरी कर मां अंबिका का दर्शन पूजन कर बाबा गुप्तेश्वरनाथ पर जल अर्पित करने की परंपरा चल रही है। --------------
बोले पुजारी
बाबा की महिमा निराली है। बाबा भोलेनाथ का शिवलिग सवयंभू होने के कारण चमत्कारिक है। मन में लाए विचार व मुरादें बाबा गुप्तेश्वरनाथ पूर्ण करते हैं। इनकी सेवा करने वाले कभी निराश नहीं हुए हैं।
रोशन मिश्रा, पुजारी