खोज-खोज कर होगा वार, खत्म होगा कालाजार
कालाजार रोगियों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाएगा।
जासं, छपरा : कालाजार मरीजों की खोज के लिए 27 जनवरी से 4 फरवरी तक चलने वाले अभियान को लेकर जिला मलेरिया कार्यालय में केटीएस, बीसी व सुपरवाइजरों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण शुक्रवार को दिया गया।
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने कहा कि संदिग्ध कालाजार व पीकेडीएल के रोगियों की जांच कर नि:शुल्क एवं पूर्ण इलाज ससमय मुहैया कराया जाएगा। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार मरीजों की खोज अभियान में आशा घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी। ऐसे मरीजों की पहचान करनी है, जिन्हें 15 दिनों से अधिक से बुखार हो। इसको लेकर आशा को प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा मिट्टी के घरों में ज्यादा यह रोग पनपता है। कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी नमी वाले जगहों पर ज्यादा रहते हैं। खासकर मिट्टी के घरों में नमी के कारण बालू मक्खी शरण लेती हैं। वे आठ फीट से ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ सकते। ऐसे घरों में रहने वालों पर कालाजार होने का खतरा बढ़ जाता है। कालाजार उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग मिशन के तहत काम कर रहा है। जल्द ही इस दिशा में कामयाबी मिलेगी। इस मौके पर वीबीडीसी सुधीर कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीपीओ-वीएल आदित्य कुमार, रंजन कुमार, पंकज कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
निर्धारित फॉर्मेट में करना है सर्वेक्षण
मरीजों की पहचान के लिए आशा को एक फॉर्मेट उपलब्ध कराया जाएगा। वे घर-घर जाएंगी और निर्धारित सवाल का जवाब लेकर उस फार्मेट में भरेंगी। आशा अपने पोषण क्षेत्र के प्रत्येक घरों का सर्वे कर कालाजार मरीजों की पहचान करेंगी। अगर ऐसा कोई मरीज मिलता है तो, उसे तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराना सुनिश्चित करेंगी। सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रतिदिन आशा फैसलिटेटर को सौंपेंगी। आशा फैसलिटेटर वह रिपोर्ट प्रखंड मुख्यालय को भेजेंगी।
कालाजार के लक्षण
- 15 दिन से अधिक बुखार लगना
- जाड़ा आकर बुखार आना
- भूख नहीं लगना
- खून की कमी