Bihar News: पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद पलटी विजिलेंस, एमएलसी समेत पांच को बनाया आरोपित
Bihar News पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पूर्व में की गई अपनी ही कार्रवाई से पलट गया। मामला सारण के जेपी वि से संबद्ध देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री महाविद्यालय में सीट से अधिक नामांकन एवं पंजीयन से जुुड़ा है।
जागरण संवाददाता, छपरा (सारण) । बिहार के सारण जिले में जयप्रकाश विश्वविद्यालय (जेपी वि) से संबद्ध देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री महाविद्यालय (डीबीएसडी), कदना (गड़खा) में सीट से अधिक नामांकन एवं पंजीयन में गड़बड़ी के मामले में पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) पूर्व में की गई अपनी ही कार्रवाई से पलट गया।
निगरानी ने इस मामले में पहले आरोपित बनाए गए कुलसचिव डा. रविप्रकाश बबलू समेत सात को आरोप मुक्त कर दिया। वहीं, नया आरोप पत्र दाखिल कर वर्ष 2012-14 में रहे तत्कालीन डीएसडब्ल्यू (डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर) व वर्तमान में जदयू के सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद (एमएलसी) डा. वीरेंद्र नारायण यादव, तत्कालीन कुलसचिव तपसी प्रसाद सिंह, डीएसडब्ल्यू कार्यालय के सहायक रविद्र प्रसाद यादव, पंजीयन शाखा के तत्कालीन प्रशाखा पदाधिकारी रामेश्वर ठाकुर एवं परीक्षा विभाग के तत्कालीन सहायक मुकेश कुमार तिवारी को अप्राथमिकी आरोपित बनाया गया है। इस मामले की गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई भी हुई। विजिलेंस के एडीजी कोर्ट में उपस्थित हुए और नये सिरे से जांच कर आरोप पत्र दाखिल करने की बात कही।
- पहले आरोपित बनाए गए कुलसचिव समेत सात हुए आरोप मुक्त
- जेपी वि में अधिक नामांकन व पंजीयन में गड़बड़ी का मामला
पूरे प्रकरण के नेपथ्य में जेपी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. रविप्रकाश बबलू की ओर से पटना उच्च न्यायालय में विजिलेंस द्वारा उन पर गलत प्राथमिकी (विजिलेंस केस संख्या 60/2017) करने की शिकायत थी। डा. रवि प्रकाश के अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश ने बताया कि उनके मुवक्किल की शिकायत पर एक सितंबर को सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने विजिलेंस के एडीजी को 29 सितंबर को सशरीर उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा था। इस बीच निगरानी ब्यूरो ने डीबीएसडी कालेज, कदना एवं जेपी विश्वविद्यालय में कई बार छापेमारी कर सभी मामले की गहन जांच की और डा. रविप्रकाश बबलू समेत सात लोगों को आरोप मुक्त करते हुए नए सिरे से आरोप पत्र दाखिल करने का निर्णय लिया गया।