संक्रमण के बावजूद वार्ड को नहीं किया गया शिफ्ट
जिले में पॉजिटिव मरीजों के मिलने पर उनके घर और आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है। लेकिन अब इसमें लापरवाही दिखने लगी है जिसका परिणाम लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या है।
जासं, छपरा : जिले में पॉजिटिव मरीजों के मिलने पर उनके घर और आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है। लेकिन अब इसमें लापरवाही दिखने लगी है जिसका परिणाम लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अबतक एक चिकित्सक के साथ दर्जनभर कर्मचारी भी पॉजिटिव हो चुके हैं। वहीं कुछ चिकित्सक एवं कर्मी बीमार भी चल रहे है। जबकि उस चिकित्सक कक्ष को अभी तक ना तो कंटेनमेंट घोषित किया है और ना ही उसे कहीं शिफ्ट हीं किया जा सका है। जिसके कारण इमरजेंसी ड्यूटी करनेवाले चिकित्सक एवं कर्मचारियों में डर व्याप्त होने लगा है। क्योंकि इमरजेंसी वार्ड में एक पॉजिटिव कर्मी के ड्यूटी करने के बाद यह संक्रमण तेजी से फैल चुका है। इसलिए उस चिकित्सक कक्ष को दूसरे कक्ष मे शिफ्ट कर उस कमरे को लगातार सैनिटाइज किया जाना चाहिए। जबकि उस कक्ष को दिन में कभी एक बार तो कभी उसे सैनिटाइज हीं नही किया जा रहा है। फलस्वरूप उस कक्ष से लगातार पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उस कक्ष को शिफ्ट या लगातार सैनिटाइज किया जाना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग उपचार कराने और मरीज लेकर पहुंच रहे है। वहीं संक्रमण को देखते हुए सदर अस्पताल के ओपीडी को बंद कर दिया गया है। जबकि उस वार्ड से महज एक से दो कर्मी हीं पॉजिटिव पाये गये है।
अभी तक सदर अस्पताल की ओपीडी में मरीजों एवं स्वजनों को स्क्रीनिग कराने के बाद ही प्रवेश कराया जा रहा था। लेकिन इमरजेंसी वार्ड में इस नियम को समाप्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि ओपीडी में संक्रमित चिकित्सक एवं कर्मियों के मिलने के बाद इसे तत्काल बंद कर दिया गया है। जिसके कारण इमरजेंसी वार्ड में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है।