फायर ब्रिगेड ने मनाया अग्निशमन सेवा दिवस
अग्निशमन सेवा दिवस के सलेमपुर स्थित एक होटल में आग से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड की ओर से मॉक ड्रिल किया गया। आग लगने के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के विषय में फायर कर्मियों ने जानकारी दी।
जासं, छपरा : अग्निशमन सेवा दिवस के सलेमपुर स्थित एक होटल में आग से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड की ओर से मॉक ड्रिल किया गया। आग लगने के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के विषय में फायर कर्मियों ने जानकारी दी। सिलेंडर के पाइप में आग लगने पर उसे बुझाने के विषय में बताया। कहा गया कि सभी ज्वलनशील सामानों के साथ एहतियात के तौर पर फायर सिलेंडर रखना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर दमकल वाहन पहुंचने से पूर्व आग को नियंत्रित किया जा सके। इस अवसर पर फायर ब्रिगेड के एएसआई विदेशी पासवान ने कहा कि तेज उठती लपटें और उनके बीच किसी के उजड़ते आशियाने को बचाने की मंशा फायरकर्मियों में रहती है। वे हर दिन आग से खेलते हैं। इस खतरनाक काम को अंजाम देते हुए उन्हें अपनी जान की भी फिक्र नहीं होती। फिक्र होती है तो उन्हें सिर्फ उस जलते मंजर या फिर उसमें धधकती जिदगी को बचाने की। आग लगने वाली जगहों पर फायरमैन सिर्फ एक फोन कॉल पर दौड़ पड़ते हैं।
दूसरों के हिस्से की तपन को झेलते हुए जनता की रक्षा व सुरक्षा के लिए कृत संकल्पित इस जांबाज फायरमैन दल के लिए अग्निशमन दिवस महज कौशल प्रदर्शन का मंच नहीं है, वरन ये स्मृति दिवस है।
फायर अधिकारी ने बताया कि यह दिवस 66 शहीदों की याद में मनाया जाता है। घटना 14 अप्रैल 1944 की है। विक्टोरिया डॉक बंबई में सेना की विस्फोट सामग्री से भरा पानी का जहाज लपटों में घिर गया। आग पर काबू पाने के लिए बंबई फायर सर्विस के एक सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर भेजे गए। अटूट साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इन जांबाज अग्निशमन कर्मचारियों ने धधकती ज्वाला पर काबू करने का भरसक प्रयत्न किया। आग पर नियंत्रण तो पा लिया गया, लेकिन इस कोशिश में 66 फायरमैन को अपनी जान की आहूति देनी पड़ी थी। उन्हीं को श्रद्धांजलि देने के लिए अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है।