डीईओ सत्यापित करेंगे छात्रों की 75 फीसद हाजिरी
छपरा। अब छात्र -छात्राओं को बिना विद्यालय आएं पोशाक, छात्रवृत्ति व साइकिल राशि नहीं मिलेगी।
छपरा। अब छात्र -छात्राओं को बिना विद्यालय आएं पोशाक, छात्रवृत्ति व साइकिल राशि नहीं मिलेगी। विद्यालय में बिना 75 फीसदी उपस्थिति के पोशाक राशि समेत अन्य योजनाओं का लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिलेगी। जिसकी तैयारी शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर विद्यालयों में छात्रों की 75 फीसदी का सत्यापन करने का निर्देश दिया है। पत्र में इस वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री पोशाक/ बालिका पोशाक योजना के तहत राजकीय/ राजकीयकृत/ गैर -सरकारी सहायता प्राप्त(अल्पसंख्यक सहित)प्रारंभिक/माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं की 75फीसद उपस्थिति का सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है। डीईओ के सत्यापन के बाद ही छात्रों को राशि देने के लिए मांग पत्र भेजने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, मांग पत्र निर्गत करने के पूर्व संकुल, प्रखंड व जिला स्तर द्वारा उक्त मांग पत्र का सत्यापन करना है। उल्लेखनीय हो कि अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को निजी विद्यालय में पढ़ाते है और पोशाक व साइकिल आदि योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी विद्यालय में भी नामांकन करा देते हैं। जिससे सरकारी विद्यालय के बच्चों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि 75 फीसदी हाजिरी व छात्रों का डाटाबेस बनने के कारण इसपर रोक लगेगी। इसी दिशा में शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इतना ही नहीं संकुल समन्वयक अपने क्षेत्र के सभी प्रारंभिक विद्यालयों द्वारा दिए जा रहे मांग पत्र में वर्णित छात्रों की संख्या, छात्रों के नाम, पिता, अभिभावक के नाम एवं खाता संख्या आदि का भौतिक सत्यापन, विद्यालय भ्रमण व नामांकन की पड़ताल करेंगे। माध्यमिक विद्यालयों में आरएमएसए के साधनसेवी अपने जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों में मांग पत्रों का सत्यापन करना है। इसके अलावा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(लेखा-योजना), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान) 20-20, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(माध्यमिक शिक्षा) को 15-20 एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी अपने स्तर से 10 प्रारंभिक व 10 माध्यमिक विद्यालयों के मांग पत्रों का भौतिक सत्यापन करना है। इतना ही नहीं सत्यापन के पश्चात भी यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित जांच अधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है।