आर्सेनिक युक्त जल से मिलेमुक्ति, तभी होगा कल्याण
उजियारपुर। मोहिउद्दीननगर दैनिक जागरण के चुनावी चौपाल कार्यक्रम में लोगों ने अपनी बात बेबाकी से रखी।
उजियारपुर। मोहिउद्दीननगर, दैनिक जागरण के चुनावी चौपाल कार्यक्रम में लोगों ने अपनी बात बेबाकी से रखी। राजकुमारी सामुदायिक विवाह भवन मे वोट कुछ कहता है में बुद्धिजीवी, समाजसेवी, शिक्षकों ने भाग लिया। आर्सेनिक युक्त दुषित जल से मुक्ति व जलनिस्सरण योजना की समस्या अहम रूप से सामने आयी। साथ ही भ्रष्टाचार से मुक्ति की बात भी उठी तो मोहिउद्दीनगर को अनुमंडल व बालागच्छ एवं महमदीपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने की आवाज भी उठी। बाजार के अश्वनि कुमार ने कहा कि अस्पतालों में भवन तो सुंदर बन गया पर यहां चिकित्सक का अभाव है। सुलतानपुर के रामसिगार सिंह ने कहा कि जो भी समस्या है उसे भगवान पर छोड़ दे, या फिर जनप्रतिनिधि दिलचस्पी से निदान करें। रामबहादुर सिंह ने शिक्षा मे राजनीति नहीं होने की बात कही। प्रदीप चौधरी ने व्यवसायियों की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद कई ऐसे कानून बने जो व्यवहारिक नहीं रहे। संतोष पोद्दार ने शिक्षा, स्वास्थ व सिचाई की समस्या की बात उठायी। कहा कि समाज में सामाजिक भाईचारा कायम करने में जनप्रतिनिधियों का रॉल सुंदर होना चाहिए। जौनपुर के पप्पु कुमार सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र कृषि पर आधरित है। जहां के किसानों को कोई सुविधा नहीं है। मनियर के सुनील सिंह ने हाजीपुर-बडवाड़ा रेल मार्ग पर सवारी गाड़ी की उपलब्धता पर कदम उठाने को कहा। कुरसाहा के नंद किशोर कापर ने नून नदी जल निस्सरण योजना को चालू कराने की बात कही। शिक्षक कामेश्वर गुप्ता ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था ही कलंकित है। निर्दोष जेल जा रहे हैं। धर्मवीर कुंवर ने कहा कि अफसरशाही व नौकरशाही से जनता त्रस्त है। अमरनाथ चौधरी ने कहा कि विकास योजना मे भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। शिक्षक श्रवण देव ने कहा कि शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से मुक्ति मिलनी चाहिए। डॉ नरेन्द्र चौधरी ने प्रशासनिक व्यवस्था में आमूल परिवर्तन को कहा। लोगों की राय
- क्षेत्र के लाखों लोग आर्सेनिकयुक्त दुषित जल पीने को विवश हैं। हर घर नल जल योजना फेल है। बिजली, सड़क में सुधार है। बाजार में एक पेयजल की टंकी का निर्माण हो।
मो. आरिफ, पूर्व मुखिया बाहरी नेता हमारा विकास नहीं कर सकते हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि होना चाहिए जो हमारी भावना को समझ सके और सबके सुख में साथ रहे।
राकेश चौधरी, मुखिया, मोनगर दक्षिण -शिक्षा की वास्तविक व्यवस्था बदहाल है। तकनीकी शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। किसान व किसानी बदहाल है। इसके लिए हमारे जनप्रतिनिधि दोषी है।
सुरेश्वर प्रसाद सिंह - दियारांचल के लोग कटावग्रस्त है। जिसे हमेशा समस्या ही झेलनी पड़ती है। गंगा मे बोल्डरिग की जरुरत है। सरकारी अस्पतालों एवं स्कूलों में सही
व्यवस्था नहीं होने से निजी संस्थानों की मनमानी है।
- प्रद्युमन सिंह - शिक्षा मे सुधार का प्रयास तो हुआ कितु समस्या बढ़ ही गई। शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों के माथे पर कामों के बोझ को कम करना चाहिए।
औमैर अहमद, शिक्षक