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वार्ड डेंगू का, भर्ती बंध्याकरण के मरीज

डेंगू के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के दावे खोखले साबित हो रहे। सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में परिवार नियोजन ऑपरेशन के मरीज को भर्ती किया जा रहा। जबकि सदर अस्पताल में आनेवाले डेंगू मरीजों को सीधे रेफर किया जा रहा। मरीज भी सरकारी अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पताल में ही इलाज कराना बेहतर समझ रहे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 12:14 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 12:14 AM (IST)
वार्ड डेंगू का, भर्ती बंध्याकरण के मरीज
वार्ड डेंगू का, भर्ती बंध्याकरण के मरीज

समस्तीपुर । डेंगू के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों के दावे खोखले साबित हो रहे। सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में परिवार नियोजन ऑपरेशन के मरीज को भर्ती किया जा रहा। जबकि, सदर अस्पताल में आनेवाले डेंगू मरीजों को सीधे रेफर किया जा रहा। मरीज भी सरकारी अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पताल में ही इलाज कराना बेहतर समझ रहे। जिले में एक बार फिर से डेंगू का कहर बरपने लगा है। शहर के प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ जिले के अन्य स्थानों में भी डेंगू के मरीजों की पहचान हो रही।

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इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इलाज का पुख्ता प्रबंध है। आइसोलेशन वार्ड में डेंगू मरीज नहीं रहने की वजह से सामान्य मरीजों को भर्ती कराया गया है। परिवार नियोजन का ऑपरेशन काफी संख्या में होने तथा अन्य वार्ड में बेड की कमी रहने के कारण मरीजों को परेशानी हो रही।

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प्लेटलेट्स चढ़ाने की नहीं है व्यवस्था

डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है, जिसमें दस बेड लगे हैं। जांच के लिए किट की व्यवस्था है, पर 30 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर मरीजों को यहां से रेफर कर दिया जाता है। कारण प्लेटलेट्स चढ़ाने की यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। वैसे भी इस स्थिति में कोई परिजन अपने मरीज को यहां रखना नहीं चाहता।

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डेंगू से बचाव को करानी है फॉगिग

डेंगू के मरीज मिलते ही स्वास्थ्य महकमा छिड़काव को लेकर सक्रिय हो गया है। पिछले साल इस बीमारी से कई लोगों की मौत के बाद प्रशासन इस बार किसी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है। तमाम वार्डो में छिड़काव के साथ फॉगिग कराने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग प्रभावित इलाकों में डेंगू मच्छर के लार्वा को मारने के लिए दवा का छिड़काव करने के साथ लोगों को जागरूक भी कर रहा है।

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ये हैं डेंगू के लक्षण

अचानक तेज सिर दर्द और बुखार, मांसपेशियों-जोड़ों में तेज दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना और उल्टी, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़े से खून और त्वचा पर चकते उभरना। मलेरिया के लक्षण अचानक बहुत ठंड लगकर तेज बुखार आने के साथ ही दांत बजना, रोगी का बहुत ओढ़ावन चाहना, शरीर में जलन, सिर और बदन दर्द, पसीना आकर बुखार उतरना।

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बचाव के उपाय

डेंगू का मच्छर साफ रुके हुए पानी में पनपता है। कूलर, खुली पानी की टंकी, पक्षियों और पशुओं के पानी का बर्तन, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन-गिलास आदि में। पानी से भरे बर्तन-टंकियों को ढक कर रखें। प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लाएं। मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट आदि का उपयोग करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में कीटनाशक का छिड़काव करें, अनावश्यक एकत्र पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल/मिट्टी का तेल डाल दें।

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डेंगू से भयभीत होने की कतई जरूरत नहीं है। यह सामान्य बुखार है और इसका समुचित इलाज संभव है। इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। डेंगू की जांच की रिपोर्ट एक दिन में ही मिल जाती है। डेंगू की शिकायत मिलने पर चिकित्सक की सलाह पर पारासिटामोल का सेवन करें। इसके अलावा नारियल पानी लेते रहें। घर में आराम करना बहुत जरूरी है। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर नजदीक के किसी अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं।

डॉ. नागमणि राज

चिकित्सा पदाधिकारी,

सदर अस्पताल, समस्तीपुर


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