स्लूस गेट का खुला फाटक तो गुलजार हो गई सूखी नदियां
दोहरे प्राकृतिक आपदा से निजात दिलाने के सीएम के निर्देश के बाद बूढ़ी गंडक नदी के नवला भीठ और ढ़ोली के पास के स्लूस गेट को खोल दिया गया। इसके बाद बलान और जमुआरी नदी में भी पानी फैलने लगा।
समस्तीपुर । दोहरे प्राकृतिक आपदा से निजात दिलाने के सीएम के निर्देश के बाद बूढ़ी गंडक नदी के नवला भीठ और ढोली के पास के स्लूस गेट को खोल दिया गया। इसके बाद बलान और जमुआरी नदी में भी पानी फैलने लगा। बुधवार को बलान नदी का पानी दलसिंहसराय तक तो जमुआरी नदी का पानी पूसा रोड गंगापुर पुल से आगे तक पहुंच गया। पानी के फैलते ही लोगों की आंखों को सकुन मिला तो सूखी पड़ी ये नदियां गुलजार हो गई। वैसे दलसिंहसराय तक पहुंचे पानी में नून की पानी की अधिकता बतायी जाती है। बेगूसराय जिले के नवला भीठ स्थित नदी का स्लूस गेट रोसड़ा बाढ़ प्रमंडल कार्यपालक अभियंता के क्षेत्राधिकार में है, तो ढ़ोली का स्लूस गेट मुजफ्फरपुर जिले के क्षेत्राधिकार में आता है।
जिले में यदि मुख्य नदियों की बात की जाए तो उत्तर में बागमती और दक्षिण में गंगा नदी है। बागमती नदी का उद्गम नेपाल में है वहीं गंगा नदी का उद्गम गंगोत्री से। इन दो नदियों के मध्य अधिकतम दूरी 70 किलोमीटर के आस पास है। हालांकि गंगा नदी की सहायक होने के बाद भी बूढ़ी गंडक की विस्तृत धारा इसे समस्तीपुर जिले की मुख्य नदी के तौर पर स्थापित करती है। बूढ़ी गंडक का उद्गम पश्चिमी चंपारण में होता है और यह खगड़िया जिले में पुन: गंगा की धारा में शामिल हो जाती है।
गंगा नदी जिले के दक्षिण भूभाग स्थित धमौन गांव में प्रविष्ट होकर चमथा होती हुई बेगूसराय जिले में प्रवेश करती है। बूढ़ी गंडक नदी जिले के बीचो-बीच गुजरती है,जो पश्चिम में महमदा गांव में प्रवेश कर रोसड़ा होते हुए बेगूसराय जिले की ओर जाती है। करेह नदी जटमलपुर-हसनपुर- बिथान के बीच बहने वाली जिले की तीसरी बड़ी नदी है। इसके अलावे वाया, बलान, बैती, जमुआरी, नून, की प्रमुख धारा आदि नदियों का इस जिले में जाल बिछा है। ये नदियां जिला के लिए वरदान हैं कितु हाल के दिनों तक यह पूरी तरह सुखी थी। ढ़ोली में खुला एक गेट, नवला भीठ में 4 गेट मुजफ्फरपुर जिला के क्षेत्राधिकार से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी के ढ़ोली स्थित स्लूस गेट का एक गेट 1 फीट के लिए खोल दिया गया है। यूं तो पूर्व से हो रहे रिसाव के कारण इसमें से पानी का निकलना जारी था। लेकिन एक गेट के हल्का खुलते ही इस पानी ने तेजी पकड़ ली। बुधवार को यह पानी पूसा रोड तक पहुंच गया। वहीं नवला भीठ स्थित स्लूस गेट का चार गेट का खोल दिया गया। दो गेट को डेढ़ फीट में तो 2 गेट एक फीट में। इसके खुलते ही पानी की पहुंच दलसिंहसराय के बलान नदी तक हो गई है।
अवधेश, मोहन और निर्गुणी की पहल ने दिखाया रंग
जमुआरी नदी को फिर से जीवंत बनाने का मुद्दा पहली बार हाजीपुर के भाजपा विधायक अवधेश सिंह ने 2017 में गैर सरकारी संकल्प के तहत विधानसभा के पटल पर लाया। पर दो वर्षों के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 25 जुलाई 2019 को एक बार फिर विधायक अवधेश सिंह ने एक बार फिर इसे विधानसभा में उठाया। इस दौरान पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जितने भी मृत प्राय नदियां हैं, जिनकी चौड़ाई 100 मीटर से अधिक नहीं है, उन सभी के बंद पड़े स्लूस गेटों को एक सप्ताह के अंदर सुरक्षात्मक जांच कर खोल दिए जाएं। वहीं दलसिंहसराय के सोहन प्रसाद ने बलान नदी बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार संघर्षरत रहे। वहीं भाजपा नेता रंजीत निर्गुणी ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाढ़ की संभावना और दूसरी ओर सुखाड़ को देखते हुए स्लूस गेट को खोलवाने की पहल की मांग की थी।
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