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हांसा के सपनौती मैया की महिमा है अपरंपार

वारिसनगर प्रखंड के हांसा गांव की सपनौती माता भगवाती की महिमा अपरंपार है। पहली बार यहां पर मूर्ति की स्थापना दुबे वंश ने की थी। वे दरभंगा महाराज के यहां विधि सलाहकार थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:52 PM (IST)
हांसा के सपनौती मैया की महिमा है अपरंपार
हांसा के सपनौती मैया की महिमा है अपरंपार

समस्तीपुर। वारिसनगर प्रखंड के हांसा गांव की सपनौती माता भगवाती की महिमा अपरंपार है। पहली बार यहां पर मूर्ति की स्थापना दुबे वंश ने की थी। वे दरभंगा महाराज के यहां विधि सलाहकार थे। मां भगवती द्वारा उन्हे सपने में दर्शन देकर आदेश दिया गया कि उनकी स्थापना की जाए। इसके बाद तुम्मारा वंश आगे बढेगा। वर्ष 1781 में मां के आदेश पर प्रतिमा की स्थापना हुई। उस दिन से मां की पूजा अर्चना बड़े ही भक्ति भाव से की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां की माता का विशेष महत्व है। यहां आने वाले हर भक्त की मुरादें पूरी होती है। इस वजह से भक्तों की आस्था बहुत ज्यादा है। यहां का विर्सजन भी अनोखा होता है। 32 लोगों के कंधों पर माता की प्रतिमा का विर्सजन किया जाता है। अगर एक भी व्यक्ति कम हो जाता है, तो माता की प्रतिमा नहीं उठ पाती है। यहां की पूजा सामाजिक सदभाव, अटूट श्रद्धा एवं भक्ति का प्रतीक है।

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