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श्मशान घाट व मोक्षधाम पर चौबीस घंटे कार्यरत रहेगा कंट्रोल रूम

अब जिले के सभी श्मशानों व मोक्षधाम पर चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष स्थापित रहेगा। वहां पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती रहेगी। कोरोना एवं अन्य कारणों से मरने वालों की पूरी रिपोर्ट इकट्ठा कर जिले को उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कोरोना से जिनकी मौत हुई होगी उसके दाह संस्कार के लिए छह हजार रुपये भुगतान किए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 12:15 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 12:15 AM (IST)
श्मशान घाट व मोक्षधाम पर चौबीस घंटे कार्यरत रहेगा कंट्रोल रूम

समस्तीपुर । अब जिले के सभी श्मशानों व मोक्षधाम पर चौबीस घंटे नियंत्रण कक्ष स्थापित रहेगा। वहां पर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती रहेगी। कोरोना एवं अन्य कारणों से मरने वालों की पूरी रिपोर्ट इकट्ठा कर जिले को उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कोरोना से जिनकी मौत हुई होगी, उसके दाह संस्कार के लिए छह हजार रुपये भुगतान किए जाएंगे। यह निर्देश मंगलवार को जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने दिया। अधिकारियों के साथ समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि डीसीएचसी में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत उपचार की निगरानी कंट्रोल रूम से निरंतर किया जाना है। श्मशान घाट, मुक्तिधाम स्थल पर कंट्रोल रूम चौबीस घंटे चलेंगे। कंट्रोल रूम में दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति एवं जिला स्तर से उप विकास आयुक्त इसकी मॉनीटरिग करेंगे। डीएम ने कहा कि कोविड-19 से होने वाले मृत्यु पर उनका प्रतिवेदन अनुमंडल पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी द्वारा दिया जाएगा ताकि उनका दाह संस्कार के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 6000 की राशि उपलब्ध कराई जा सके। नॉन कोविड और कोविड से होने वाले मृत्यु का रिकॉर्ड संधारित करने का निदेश दिया गया है। डीएम ने कहा कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु पर मुख्यमंत्री अनुदान राशि चार लाख रुपये देने का प्रावधान है। संबंधित अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों द्वारा इसका प्रतिवेदन साक्ष्य के साथ सिविल सर्जन को भेजा जाए। ताकि जांचोपरांत उनके आश्रितों को भुगतान किया जा सके। डीएम ने पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर कोविड जांच करने का निदेश सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी को दिया। वहीं वैक्सीनेशन स्लॉट के हिसाब से ससमय कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ करने को भी कहा। बाढ़ पूर्व की तैयारियों को लेकर भी हुई समीक्षा डीएम ने बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर भी समीक्षा की। जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को नावों की उपलब्धता, ऊंचे स्थानों को चिन्हित करने, खाद्यान्न की समुचित व्यवस्था एवं बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन को लेकर निर्देश दिया। नावों की उपलब्धता, मरम्मत से संबंधित राशि का प्रतिवेदन जिला आपदा प्रबंधन को भेजने को कहा। प्राइवेट नावों का निबंधन कराने एवं अगर उसकी भी मरम्मत करानी है तो प्रखंड स्तर से उसका भी प्रतिवेदन भेजने का निदेश दिया। इसके अलावा राहत केंद्र की व्यवस्था, ऊंचे स्थल या विद्यालय जहां बाढ़ पीड़ित को कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ रखा जा सके, इसे सुनिश्चित करने को कहा। डीएम ने बाढ़ पूर्व सम्पूर्ति पोर्टल पर प्रखंड स्तर पर 31 मई तक इंट्री कराने का निदेश दिया। साथ ही इसका वार्डवार प्रिट नोटिस अनुश्रवण समिति को देने एवं संबंधित पंचायत भवन, प्रखंड, अंचल के सूचना पट पर लगाने का निदेश दिया। इसकी मॉनीटरिग अपर जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी करेंगे। इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय प्रशाखा, सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, अपर सूचना विज्ञान पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, सदर, प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति एवं वीसी के माध्यम से अनुमंडल और प्रखंड स्तर के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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