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जिले के दोनों सीटों पर प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस कायम

समस्तीपुर। जिले में लोकसभा की दो सीटें है। दोनों सीटों पर एनडीए का कब्जा है। उजियारपुर सीट से जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय सांसद हैं वहीं समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 11:15 PM (IST)
जिले के दोनों सीटों पर प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस कायम
जिले के दोनों सीटों पर प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस कायम

समस्तीपुर। जिले में लोकसभा की दो सीटें है। दोनों सीटों पर एनडीए का कब्जा है। उजियारपुर सीट से जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय सांसद हैं, वहीं समस्तीपुर सुरक्षित सीट से लोजपा के रामचंद्र पासवान हैं। इस बार भी दोनों अपने-अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर ताल ठोक रहे हैं। उजियारपुर से भाजपा एक बार फिर नित्यानंद राय को पार्टी प्रत्याशी के रूप में उतारने की बात कह रही है, वहीं लोजपा समस्तीपुर से एक बार फिर रामचंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाना चाह रही है। हालांकि एनडीए में जब तक सीट और प्रत्याशी फाइनल नहीं हो जाते तब तक इस तरह के कयास लगते रहेंगे। भाजपा सूत्रों की मानें तो समस्तीपुर सुरक्षित सीट से इस बार प्रत्याशी बदलने की मांग लोजपा के शीर्ष नेतृत्व से कई बार की जा चुकी है। भाजपा के आंतरिक सर्वे में भी यह बात सामने आयी थी। दूसरी ओर जदयू समस्तीपुर से एक सीट पर हर हाल में अपना प्रत्याशी खड़ा करना चाहती है। इसके लिए वह समस्तीपुर सुरक्षित सीट चाह रही है। इसके बदले सासाराम या गोपालगंज लोजपा को देने के लिए तैयार भी है। लेकिन रामचंद्र पासवान द्वारा समस्तीपुर सीट से ही चुनाव लड़ने के लिए अड़े रहने की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व स्तर पर इस बात को लेकर चर्चा हो रही है। दूसरी ओर जदयू की जिलाध्यक्ष अश्वमेघ देवी उजियारपुर से अपनी दावेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष कई बार जता चुकी है। वह पहले भी यहां से सांसद रह चुकी है। जदयू एवं भाजपा में उजियारपुर सीट को लेकर भी पेंच फंसा हुआ है। हालांकि नित्यानंद राय के भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण जदयू इस सीट पर ज्यादा दबाव बनाने में सफल नही हो पा रही है। यही स्थिति महागठबंधन में है। उजियारपुर सीट से राजद और माकपा दोनों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। राजद एक बार फिर उजियारपुर के विधायक आलोक कुमार मेहता को इस सीट से प्रत्याशी बनाना चाहती है। वहीं महागठबंधन में शामिल माकपा उजियारपुर से पूर्व विधायक रामदेव वर्मा को उम्मीदवार बनाने के लिए एड़ी चोटी लगाए हुए है। सूत्रों की मानें तो माकपा इस सीट से हर हाल में अपना प्रत्याशी उतारने पर आमदा है, चाहे वह महागठबंधन में रहे या नहीं रहे। इधर, रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा भी उजियारपुर सीट के लिए जोर आजमाईश कर रहे हैं। वे खुद इस सीट से चुनाव लड़ने को इच्छुक हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि महागठबंधन में यह सीट किसके खाते में जाएगी। हालांकि समस्तीपुर सीट पर महागठबंधन की ओर से रोसड़ा के कांग्रेस विधायक डॉ. अशोक कुमार के कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर चुनाव लड़ने की बात पक्की मानी जा रही है।

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