कोसी क्षेत्र के चयनित मत्स्य पालकों को मिलेगा पूसा का मत्स्य बंधु
समस्तीपुर। पूसा डा. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों की खोज को एक बड़ी उड़ान मिल गई है।
समस्तीपुर। पूसा, डा. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों की खोज को एक बड़ी उड़ान मिल गई है। विवि द्वारा विकसित मत्स्य बंधु सौर उर्जा चालित चलंत शीतल गाड़ी की उपयोगिता से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय से 25 मत्स्य बंधु आपूर्ति करने को कहा है। इन सौर उर्जा चालित गाड़ी को बिहार कोसी बेसीन विकास परियोजना अंतर्गत चयनित 25 मत्स्यपालकों के बीच वितरित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मत्स्य पालकों को मत्स्य विपणन में होने वाली कठिनाईयों को ध्यान में रखकर सौर उर्जा चालित इस गाड़ी को विकसित किया है। इसका प्रयोग 30-40 किलोग्राम मछली को दिनभर ताजा तैयार रखने में किया जाता है। लगभग एक लाख रुपये की लागत से इस गाड़ी का निर्माण किया गया है।
शाम तक मछली रहेगी ताजा
आम तौर पर मछली विक्रेता अपनी मछली को खुले में बेचते हैं। जिससे उनकी मछलियां खराब हो जाती हैं और उन्हें कम कीमत प्राप्त होती है। इस शीतल गाड़ी द्वारा उनकी मछलियां अधिक व उचित मूल्य प्राप्त कर सुरक्षित रहेंगी। आवश्यकता पड़ने पर अगले दिन वे इसकी बिक्री कर सकेंगे और मुनाफा भी होगा। 25 वाहनों की आपूर्ति का मिला अनुरोध पत्र
मत्स्यकी महाविद्यालय, ढोली के अधिष्ठाता डा. एससी राय ने बताया कि संयुक्त निदेशक, मत्स्य, बिहार सरकार के द्वारा विश्वविद्यालय को 25 सौर उर्जा चालित चलंत शीतल गाड़ी की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है। इस परियोजना के अंतर्गत पांच जिलों सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया एवं पूर्णिया के मत्स्यपालकों को लाभ प्राप्त होगा। भविष्य में यह अन्य जिलों के मत्स्यपालकों के लिए भी उपलब्ध हो पाएगा। एक वर्ष पूर्व हुआ था निर्माण
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मत्स्य बंधु का निर्माण वर्ष 2018 में किया था। कुलपति के निर्देशन में हुए इस अविष्कार को साल भर के अंदर ही पंख उस वक्त लग गए जब राज्य सरकार ने पहला ऑर्डर दिया। कुलपति ने किया स्वागत
डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आरसी श्रीवास्तव ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए इस अविष्कार से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाई दी है।