कक्षा अधिगम में विद्यालय नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण
सरायरंजन के प्रखंड संसाधन केंद्र बथुआ बुजुर्ग में निष्ठा प्रशिक्षण के तीसरे दिन विद्यालय नेतृत्व की जानकारी दी गई। एसआरपी अमरेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है।
समस्तीपुर । सरायरंजन के प्रखंड संसाधन केंद्र बथुआ बुजुर्ग में निष्ठा प्रशिक्षण के तीसरे दिन विद्यालय नेतृत्व की जानकारी दी गई। एसआरपी अमरेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और ²ष्टिकोण तीन गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव करना जरूरी हैं। प्रशिक्षक हरिमोहन चौधरी ने कहा कि विद्यालय नेतृत्व के लिए चार लक्ष्यों को प्राप्त करना जरूरी है। विद्यालय का रखरखाव, सीखने का अवसर प्रदान करना, नवाचार के लिए प्रेरित करना और आवश्यकता एवं आकांक्षाओं की पूर्ति करना। प्रशिक्षक सुधाकर महतो ने कहा कि कक्षा में अधिगम में विद्यालय नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय नेतृत्व सीधे छात्र अधिगम में भाग ले सकता अथवा विद्यालय नेतृत्व शिक्षकों को प्रेरित करें और फिर शिक्षक छात्रों को अधिगम कराएं। इस प्रकार कक्षा में अधिगम पारस्परिक क्रियाओं से गुजरता है। कुमार गौरव ने निष्ठा प्रशिक्षण में नई शिक्षा नीति पर आधारित जानकारी शिक्षकों को दी। मौके पर प्रशिक्षक विनोद कुमार विमल, रामानुज कुमार, इकबाल अख्तर, साधनसेवी अविनाश कुमार रंजन, भगवान प्रसाद सिंह, रमन कुमार लाल दास, सुनील कुमार झा, फैसल आलम, रतन कुमार, शमीम अतहर, कमलेश कुमार राय, संजय कुमार सिन्हा, बेबी कुमारी सहित दर्जनों प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।