सिविल सर्जन से वार्ता के बाद फार्मासिस्ट का सत्याग्रह समाप्त
सिविल सर्जन के समक्ष बुधवार को तीसरे दिन भी सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट शंभु प्रसाद सिंह ने सत्याग्रह जारी रहा। हालांकि दोपहर बाद सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता से वार्ता के उपरांत सत्याग्रह आंदोलन समाप्त हुआ।
समस्तीपुर । सिविल सर्जन के समक्ष बुधवार को तीसरे दिन भी सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट शंभु प्रसाद सिंह ने सत्याग्रह जारी रहा। हालांकि, दोपहर बाद सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता से वार्ता के उपरांत सत्याग्रह आंदोलन समाप्त हुआ। विदित हो कि फार्मासिस्ट के कार्य से संबंधित अधिसूचना लागू करने, अगड़ा-पिछड़ा, दलित-महादलित बंद करने के साथ ही सदर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन से न्याय की मांग कर रहे थे। कहा कि उनसे पिछले 27 महीने से कार्य नहीं लिया जा रहा है। ऐसे में श्री सिंह ने फार्मासिस्ट के कार्य से संबंधित अधिसूचना लागू करने, कार्य का प्रभार देने के साथ-साथ लिपिक से उक्त कार्यों का प्रभार हटाते हुए नियमानुसार फार्मासिस्ट को देने की मांग को लेकर सत्याग्रह कर रहे थे। इस पर सीएस ने सदर अस्पताल के लिपिक को दो दिनों के अंदर इंजुरी, पोस्टमार्टम एवं मेडिको लीगल से संबंधित कार्य का प्रभार फार्मासिस्ट को सौंपने का आदेश दिया। साथ ही फार्मासिस्ट द्वारा कार्य नहीं लिए जाने पर सदर अस्पताल में उपस्थिति नहीं बनाने की मांग पर सिविल सर्जन कार्यालय में ही हाजिरी दर्ज करने का आदेश दिया। वार्ता के दौरान मजिस्ट्रेट ड्रग इंस्पेक्टर जय शंकर प्रसाद, महासंघ गोपगुट के अजय कुमार, सुधीर कुमार आदि उपस्थित रहे। एचएम ने अतिक्रमण को लेकर उच्चाधिकारियों को भेजा पत्र
कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र के राजकीय बुनियादी विद्यालय टारा की प्रधानाध्यापिका मंजू कुमारी ने विद्यालय की कृषि योग्य भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने की उच्चाधिकारियों से शिकायत की है। प्रधानाध्यापक ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि विद्यालय की कृषि योग्य भूमि की बंदोबस्ती माधोपुर भूआल गांव के स्व.रघुनंदन राय के पुत्र रोशन कुमार ने 29 मार्च 2019 को वर्ष 2019-20 के लिए 38,351 में रुपये में अंचलाधिकारी बंदोबस्ती कराई थी। बंदोबस्ती की पूर्ण राशि में से मात्र 16000 रुपये विद्यालय के खाते में जमा किए गए। समय पूर्ण होने के बावजूद न तो पूर्ण राशि अभी जमा की गई है और न ही जमीन ही खाली की जा रही है। इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भी दी गई है। इस पत्र में अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया गया है।