कार्ययोजना की रिपोर्ट नही देने पर लगाई फटकार
स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में गुरुवार को खसरा-रुबैला टीकाकरण अभियान की सफलता को लेकर समीक्षात्मक बैठक हुई।
समस्तीपुर । स्थानीय सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में गुरुवार को खसरा-रुबैला टीकाकरण अभियान की सफलता को लेकर समीक्षात्मक बैठक हुई। अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. विवेकानंद झा ने की। सिविल सर्जन ने सख्त लहजे में सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को कार्ययोजना से संबंधित रिपोर्ट शनिवार तक जमा करने का आदेश दिया। उन्होंने निर्धारित समय में रिपोर्ट नहीं देने को लेकर संबंधित बीएचएम को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कहा कि कार्ययोजना समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी जवाबदेह होंगे। सीएस ने कहा कि खसरा एक जानलेवा बीमारी है, जो तीव्र गति से फैलने वाला एक अति संक्रामक रोग है। प्रभावित रोगी द्वारा खांसने एवं छींकने से फैलता है। इसके प्रभाव से बच्चे को निमोनिया, दस्त एवं मस्तिष्क में संक्रमण जैसी घातक बीमारियों के संक्रमण का खतरा बना रहता है, जो नवजात शिशुओं एवं बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। इसी प्रकार गर्भावस्था के आरंभ में महिला को रुबैला का संक्रमण होने की संभावना रहती है, जिससे होने वाले शिशु में रुबैला का लक्षण हो सकता हैं। जिसके कारण शिशु में अंधापन, बहरापन, मानसिक मंदता एवं दिल की बीमारी हो सकता है। रुबैला संक्रमण से गर्भवती महिला में गर्भपात एवं शिशु मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार सिन्हा ने कहा कि खसरा-रुबैला टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जाना है। अभियान के अंतर्गत पहले दो सप्ताह में सभी सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों, मदरसों आदि में अगले दो सप्ताह में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, छूटे हुए बच्चों आदि तथा मोबाइल टीम द्वारा ईंट भट्ठो, घुमंतु आबादी के बच्चों का तथा पांचवें सप्ताह में छूटे हुए बच्चों के टीकाकरण किया जाना हैं। मौके पर डॉ. शिवनाथ शरण, डीएमओ डॉ.विजय कुमार, डीएमएनई आलोक कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी राजीव कुमार, एसआरसी दिलीप कुमार झा, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. सुधानंद, केयर के अभिकल आदि उपस्थित रहे।