जननायक की धरती से जुड़े हर चेहरे पर गर्व
समस्तीपुर। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर पूरा स्मृति भवन लोगों से भरा था।
समस्तीपुर। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर पूरा स्मृति भवन लोगों से भरा था। तिल रखने की जगह नहीं थी। जगह कम पड़ गई। जिले के कई मंत्री, गणमान्य, नेतागण, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक जुटे थे। वक्ता उनकी कीर्तियों को गिनाते नहीं थक रहे थे। कुछ वक्ता उनकी स्मृतियों को ताजा कर रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हर शख्स इस बात से अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा था कि जननायक उसी धरती के हैं, जिस मिट्टी पर उनका जन्म हुआ है। स्मृति स्थल पर बने पंडाल के एक कोने पर उनका तैल्य चित्र रखा गया था। उसे फूलों से सजाया गया था। एक के बाद एक वक्ता उनके बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाल रहे थे। कोई उन्हें गरीबों का मसीहा तो कोई सामाजिक न्याय का पुरोधा बता रहा था। उनकी पूरे जीवन के बारे में जानने वाले कुछ नजदीकी लोगों ने जननायक के जीवन की संघर्ष भरी गाथा बताई। पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा उनके छात्र जीवन के बारे में विस्तार से बताया। स्मृति स्थल पर सभी को बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के आने का इंतजार हो रहा था। अपने निर्धारित समय पर सीएम स्मृति स्थल पहुंचते हैं। उनके आगमन के बाद सबसे पहले सर्वधर्म प्रार्थना शुरू होती है। सभी पांच धर्मों की प्रार्थना के बाद मुख्यमंत्री जननायक की तस्वीर के पास पहुंचकर श्रद्धा से नमन किया। दीप जलाने के बाद उनके चित्र पर पुष्प माला अर्पित की। फिर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी, रामबालक सिंह, अशोक कुमार मुन्ना, विद्यासागर निषाद, पूर्व विधायक दुर्गा विधायक सिंह, पूर्व विधायक मंजू कुमारी, प्रो. शाहिद, आनंद बिहारी झा, वकील प्रसाद, शारिक रहमान लवली, भाजपा नगर अध्यक्ष राहुल कुमार, उमेश प्रसाद सिंह, रामबालक पासवान, जितेंद्र सिंह चंदेल, जिप अध्यक्ष प्रेमलता आदि ने भी संबोधित किया। संचालन मुनेश्वर सिंह कर रहे थे। कार्यक्रम स्थलों पर डीएम, एसपी सहित कई अधिकारी मौजूद थे। सीएम का एक झलक पाने की रही बेताबी
समस्तीपुर : मुख्यमंत्री अपने पुराने अंदाज में कर्पूरी ग्राम पहुंचे थे। उनके चेहरे से कभी मुस्कुराहट तो कभी गंभीरता झलक रही थी। स्मृति स्थल पर गाल पर हाथ रखकर चितन की स्थिति में दिखे। चेहरे पर वही पुराना चश्मा था। मटमैले रंग का बंडी, हल्का पीला रंग का कुर्ता व मटमैला चेक का मफलर गले में लपेटे थे। स्मृति स्थल से लेकर कॉलेज व हाईस्कूल तक उनकी एक झलक पाने को लोग बैचेन थे। स्मृति स्थल पर कम जगह के कारण सिर्फ वीआइपी लोगों को अंदर जाने दिया गया था। बावजूद सीएम के निकट जाने के लिए आपाधापी मची थी। कॉलेज परिसर में सुरक्षा का सख्त इंतजाम था। हाईस्कूल परिसर में लोगों के लिए बैरिकेडिग की गई थी जहां से लोग उन्हें देख सकते थे। स्कूल व कॉलेज के बच्चे कारकेट की दौड़ रहे थे। ग्रामीण छत पर चढ़कर सीएम को देख रहे थे। सीएम भी हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन करते आगे बढ़ रहे थे। हाईस्कूल के पास लगे ट्रक पर भी लोग चढ़कर उन्हें देखने को बेचैन थे। पांच धर्मों की प्रार्थनाओं से गूंजा जननायक का गांव समस्तीपुर : कर्पूरी जयंती पर शुक्रवार को पूरा गांव पांच धर्मों की प्रार्थनाओं से गूंज उठा। सर्वधर्म प्रार्थना में पांच धर्मों के लोगों को बुलाया गया था। सबों ने बारी-बारी से अपने-अपने धर्म की प्रार्थनाएं प्रस्तुत कीं। पूरा स्मृति भवन उस वक्त धर्मों के एक सूत्र में बंध गया था। धार्मिक एकता का यह क्षण सभी के लिए सुखदाई था। सीएम भी शांत भाव से बैठकर प्रार्थनाओं को सुनते रहे। हिदू, मुस्लिम, सिख, इसाई और आर्य समाजी ने बारी-बारी अपनी प्रस्तुति दी। हिदू धर्म के पं. शंकर झा ने स्वास्ति वाचन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद मो. नूर आलम ने कुरान की आयतें पढ़ीं। सरदार करम सिंह ग्रंथी ने अरदास किया। फादर विकास ने बाइबिल को पढ़कर सुनाया। वहीं, सत्यानारायण ने गायत्री मंत्र का जाप कर विश्व शांति की कामना की। कहा कि धर्म की प्रासंगिकता एवं प्रयोजनशीलता शांति, व्यवस्था, स्वंतत्रता, समता, प्रगति एवं विकास से संबंधित सापेक्ष परिस्थितियों के निर्माण में ही निहित है। समाज में एकता और अखंडता की कामना की गई।