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खतरे के निशान से ऊपर बह रही बूढ़ी गंडक नदी

विभिन्न नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बागमती और करेह नदी जहां उफान पर है वहीं रोसड़ा में गंडक नदी खतरे के लाल निशान को छू रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 12:44 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 12:44 AM (IST)
खतरे के निशान से ऊपर बह रही बूढ़ी गंडक नदी

समस्तीपुर । विभिन्न नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बागमती और करेह नदी जहां उफान पर है वहीं रोसड़ा में गंडक नदी खतरे के लाल निशान को छू रही है। पानी का फैलाव बांध से सटे तलहट तक हो रहा है। बांध किनारे बसे लोग अब बांध पर अपना आशियाना बना रहे हैं। समस्तीपुर शहर के नगर परिषद वार्ड एक स्थित पासवान चौक स्लुइस गेट से शुक्रवार की सुबह रिसाव आरंभ हो गया। इससे नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड एक, दो, तीन और नौ में नदी का पानी प्रवेश कर गया। एकाएक पानी फैलते देख लोगों में अफरातफरी मच गई। बांध किनारे बसे लोग सीधे स्लुइस गेट तक आ गए। प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस बात की सूचना दी गई। सूचना पर पहुंचे अभियंता ने स्लुइस गेट को बंद करने का प्रयास किया, लेकिन गेट के नीचे पत्थर फंसा था। बाद में पत्थर को हटा कर गेट को फिर से बंद किया गया। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि एक दिन पूर्व ही अधिकारियों की टीम ने उस स्थल का जायजा लिया था। नगर परिषद के उपसभापति शारिक रहमान लवली ने बताया कि पूरी व्यवस्था चौपट थी। एक दिन पूर्व अधिकारियों ने क्या निरीक्षण किया यह समझ से परे हैं। अबतक वार्ड 01, 02, 03 व 09 तक पानी फैल चुका है। शत्रुध्न पासवान के यहां गुरुवार को शादी थी। शुक्रवार को प्रीति भोज का आयोजन था। अचानक पानी के प्रवेश से रंग में भंग हो गया।

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रोसड़ा,संस: लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी के बीच उफनाई बूढ़ी गंडक रोसड़ा में खतरे के निशान को पार कर चुकी है। शुक्रवार की शाम तक यह लाल निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी है। नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इधर खतरे का निशान पार करते ही शहर के सूर्य घाट के निकट तटबंध पर स्थित स्लुइस गेट से पानी का रिसाव प्रारंभ हो गया है। गेट बंद रहने के बावजूद नीचे के गैप से पानी आना शुरू हो गया है। उफनाई नदी को देख आम लोगों को अब बाढ़ की आशंका घेरने लगी है। तटबंध और नदी के बीच बसे लोग ऊंचे स्थान पर अपना आशियाना बनाने में लगे हैं। खासकर पशुधन के लिए जगह जगह खुंटा डालकर अपनी अपनी व्यवस्था में लगे हैं। नदी और तटबंध किनारे बसे लोगों की माने तो पूर्व से निर्धारित कटाव स्थल आज भी सुरक्षित नहीं है। इन स्थलों पर कटाव प्रारंभ होते ही पुन: अब- तब की स्थिति होना संभव है। लोगों ने विभाग द्वारा पूर्व में किए गए कटाव निरोधी व तटबंध मरम्मती कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाना आरंभ कर दिया है। हालांकि विभागीय पदाधिकारी अपने आप को सतत चौकस रहने का दावा करते हुए तटबंध को पूर्णत: सुरक्षित बता रहे हैं। इस संबंध में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल रोसड़ा के कार्यपालक अभियंता सरोज कुमार ने नदी के दोनों तटबंधों को खतरे से खाली बताया है। कहा है कि सभी स्थानों पर संबंधित कनीय अभियंताओं द्वारा लगातार चौकसी बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि जगह-जगह प्रशासन द्वारा होमगार्ड जवान की प्रतिनियुक्ति की गई है। जो किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गुरुवार की देर रात नदी लाल निशान पार कर गई। संध्या 4:00 बजे तक खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। उस वक्त नदी का जलस्तर 42 .96 मीटर मापा गया। समाचार प्रेषण तक नदी का जलस्तर लाल निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बताया जा रहा है। करेह कमला व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि

बिथान,संस: प्रखंड क्षेत्र में करेह कमला व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बिथान प्रखंड की चार पंचायतों बेलसंडी, नरपा, सलहा बुजुर्ग व सलहा चंदन पंचायत के एक दर्जन से अधिक गांवों के निचले हिस्से में 100 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थलों की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ पीड़ित परिवार वाटरवेज बांध व रेलवे बांध पर मवेशियों के साथ शरण लेने को विवश हैं। इन चार पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कों पर बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण आवाजाही ठप सी हो गई है। एक गांव से दूसरे गांव सहित मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए अब केवल नाव ही सहारा है। इधर बाढ़ के पानी में घास के डूब जाने से मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। सूखे भूसे से हरी घास की भरपाई की जा रही है। एक तरफ कमला कोसी तो दूसरी तरफ करेह नदी का कहर। ऐसे में लोगो की जिदगी दांव पर लगी है। आखिर जाएं तो जाएं कहा। सलहा चिरोटना, लाद आदि गांव में पानी के दवाब के साथ-साथ कटाव हो रहा है। सैकडों लोग गांव से निकल कर तटबंध पर शरण लिए हैं। जहां तंबू गाड़कर रह रहे हैं। इधर सीओ राजीव रंजन बताया कि प्रखंड के सलहा चिरौटना, कौराही,शनिचरा,नरपा,लक्ष्मीनियां, लाद कपस्या, सलहा चंदन आदि गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह है। थानाध्यक्ष संतोष कुमार के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। वाटरवेज बांध में भिखनौलिया के निकट स्लुइस गेट से पानी का रिसाव होने से लोगों के मन में और अधिक भय उत्पन्न हो गया है। कल्याणपुर,संस: बागमती के जलस्तर में वृद्धि से चितित अंचलाधिकारी अभय पद दास ने शुक्रवार को पंचायत समिति सभागार में संभावित बाढ़ से पूर्व की समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख कृष्णा देवी ने की। मौके पर उपस्थित उपप्रमुख राजेश कुमार राय समेत तमाम प्रतिनिधि मौजूद रहे।


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