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बीएसएनएल विरोधी नीति के खिलाफ अधिकारियों और कर्मियों ने किया हड़ताल

भारत संचार निगम लिमिटेड के ऑल यूनियन एंड एसोसिएशन के तत्वावधान में सभी अधिकारी और कर्मचारी बुधवार को भी हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 12:43 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 12:43 AM (IST)
बीएसएनएल विरोधी नीति के खिलाफ अधिकारियों और कर्मियों ने किया हड़ताल
बीएसएनएल विरोधी नीति के खिलाफ अधिकारियों और कर्मियों ने किया हड़ताल

समस्तीपुर । भारत संचार निगम लिमिटेड के ऑल यूनियन एंड एसोसिएशन के तत्वावधान में सभी अधिकारी और कर्मचारी बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। विरोध प्रकट करते हुए सभी कर्मचारी कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गए। आक्रोशितों ने सरकार की बीएसएनएल विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान एक सभा हुई। वक्ताओं ने कहा कि बीएसएनएल मैनेजमेंट द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार बीएसएनएल को 4 जी स्पेक्ट्रम का आवंटन शीघ्र किया जाए। साथ ही बीएसएनएल की भूमि प्रबंधन नीति का अनुमोदन करने की भी मांग की। तीसरा वेतन संशोधन भारत सरकार के द्वारा तत्काल लागू करने की भी मांग की। बीएसएनएल के मोबाइल का आउटसोर्सिग के माध्यम से संचालन और रखरखाव के प्रस्ताव को तत्काल रद करने की भी मांग की जा रही है। इसके लिए 20 फरवरी तक हड़ताल पर रहने का आह्वान किया गया। मौके पर एसडीओ अनिल कुमार, अनिरुद्ध कुमार, अजीत कुमार, राजेश यादव, अमरेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, श्याम नारायण ¨सह, बलिराम तिवारी, देव नारायण यादव, नागेंद्र कुमार, आर झा, विक्रम कुमार, जय कुमार, सुरेंद्र प्रसाद यादव, संजय कुमार जायसवाल, सत्य प्रकाश साह, दशरथ कुमार दास, सचिंद्र कुमार झा आदि उपस्थित रहे। हड़तालियों की प्रमुख मांगें -

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- बीएसएनएल के मोबाइल टावर्स का आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालन और रखरखाव का प्रस्ताव रद करने।

- 15 प्रतिशत फीटमेंट के साथ तृतीय रिवीजन का निराकरण करने।

- बीएसएनएल मैनेजमेंट द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन करने।

- संचार मंत्री द्वारा पेंशन रिवीजन को पे रिवीजन से पृथक करने के आश्वासन का क्रियान्वयन करने।

- एक जनवरी 2017 से बीएसएनएल से रिटायर करने वाले का पेंशन रिवीजन करने।

- गवर्नमेंट के नियम अनुसार बीएसएनएल द्वारा पेंशन कॉन्ट्रिब्यूशन का भुगतान करने।

- द्वितीय पे रिवीजन कमेटी के शेष मुद्दों का निराकरण करने।

- बीएसएनएल की भूमि प्रबंधन नीति का बगैर देरी किए शीघ्र अनुमोदन करने।

- बीएसएनएल की स्थापना के समय लिए गए निर्णय के अनुसार नाम परिवर्तन की और सभी संपत्ति बीएसएनएल को स्थानांतरित करने की कार्यवाही त्वरित पूर्ण करने।

- बीएसएनएल की स्थापना के समय ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार बीएसएनएल की वित्तीय जीवंतता सुनिश्चित करने।

- बीएसएनएल की बैंक ऋण लेने के लिए प्रस्ताव हेतु लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने।

- बीएसएनएल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सभी रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने की मांग शामिल है।


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