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हालमार्क नहीं, यूनिक आईडी से है व्यापारियों को परेशानी

समस्तीपुर। सरकार द्वारा सोने की जेवरों पर हॉल मार्क की मुहर लगाने की घोषणा के बाद हालमार्क लाइसेंस लेने को सर्राफा व्यवसायी अग्रसर हैं। सरकार के इस निर्णय का अधिकांश व्यापारी से लेकर ग्राहक तक स्वागत कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 11:46 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:46 PM (IST)
हालमार्क नहीं, यूनिक आईडी से है व्यापारियों को परेशानी
हालमार्क नहीं, यूनिक आईडी से है व्यापारियों को परेशानी

समस्तीपुर। सरकार द्वारा सोने की जेवरों पर हॉल मार्क की मुहर लगाने की घोषणा के बाद हालमार्क लाइसेंस लेने को सर्राफा व्यवसायी अग्रसर हैं। सरकार के इस निर्णय का अधिकांश व्यापारी से लेकर ग्राहक तक स्वागत कर रहे हैं। शुद्ध जेवर बेचने और खरीदने से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना बता रहे हैं। यही कारण है कि सरकार की घोषणा के बाद से रोसड़ा में भी कई व्यवसायियों ने हालमार्क लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। जबकि दर्जनों व्यापारी इसके लिए आवेदन कर चुके हैं। स्थानीय सर्राफा संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में केवल 5 व्यवसायी ही हालमार्क की अनुज्ञप्ति लिया था। लेकिन सरकार के निर्णय के बाद अब तक सात नए कारोबारियों ने लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। जबकि दर्जन भर से अधिक व्यापारी का आवेदन लंबित है। वर्तमान में जेवरात की बिक्री में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया है। पुरानी व्यवस्था पर ही विक्रेता और क्रेता आदान- प्रदान कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है सरकार द्वारा नन हालमार्क जेवरात के स्टॉक को खत्म करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित कर दी है। 1 सितंबर से केवल हॉल मार्क ज्वेलरी ही बेचने का प्रावधान निर्धारित किया गया है। स्वर्ण जेवरात के लिए मशहूर रोसड़ा के सर्राफा व्यवसायियों की मानें तो हॉल मार्क से किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। जेवरात की शुद्धता की गारंटी के साथ साथ एकरूपता भी कायम होगा। लेकिन हॉल मार्क को एचयूआईडी सिस्टम से जोड़ने को व्यवसायियों के लिए घातक करार दिया है। यदि यह लागू हुआ तो छोटे एवं मध्यम कारोबारी को कारोबार बंद करना होगा। उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कहते हैं व्यवसायी

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हॉलमार्क लाइसेंस अनिवार्य करने को हम स्वागत करते हैं। इससे व्यापारी के साथ-साथ ग्राहक भी संतुष्ट होंगे। व्यवसाय में पारदर्शिता बढ़ेगी लेकिन हॉल मार्क यूनिक आईडी सिस्टम व्यापारियों के लिए घातक है। 1 सितंबर से हॉल मार्क अनिवार्य किया गया है।

मनोज ठाकुर, ज्वेलर्स, गुदरी बाजार रोसड़ा हॉल मार्क ज्वेलरी बेचने से ग्राहकों को ज्वेलर्स के प्रति विश्वास बढ़ेगा। ज्वेलरी सेक्टर में शुद्धता से संबंधित पूर्ण पारदर्शिता दिखेगी। लेकिन एचयूआईडी से जोड़कर इसे काफी कठिन बना दिया गया है। इससे मध्यम और छोटे व्यवसाय के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

दिलीप कुमार ठाकुर, ज्वेलर्स, मेन बाजार रोसड़ा हॉल मार्क ज्वेलरी अनिवार्य करने संबंधित सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम व्यवसायियों में भी इसके प्रति जागरूकता आई है। यही कारण है कि कई ने हॉल मार्क का लाइसेंस प्राप्त कर लिया है तथा दर्जनों व्यापारी इसके लिए कतारवद्ध हैं। लेकिन एचयूआईडी विशेषकर मीडियम एवं छोटे दुकानदारों के लिए गंभीर समस्या खड़ा करेगी ।

विनोद देव,ज्वेलर्स, महावीर चौक, रोसड़ा हालमार्क ज्वेलरी बेचना सबके लिए फायदेमंद है। अधिकांश दुकानदारों ने लाइसेंस लेने का निर्णय लेते हुए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। लेकिन इसके साथ ही हॉल मार्क यूनिक आईडी सिस्टम जो बीआइएस के पोर्टल पर रजिस्टर्ड होकर ही करना है, यह व्यवसायियों के लिए टेढ़ी खीर है। सरकार को पुनर्विचार कर इसे वापस लेना चाहिए।

चंद्रशेखर साह उर्फ भोला साह ज्वेलर्स पुरानी बाजार रोसड़ा ग्राहकों में भी संशय की है स्थिति

सरकार द्वारा हॉल मार्क की अनिवार्यता से शुद्ध सोना मिलना निश्चित प्रतीत होता है। लेकिन ज्वेलरी के दर में अनाप-शनाप बढ़ोतरी का भी संशय बना हुआ है। हालांकि अभी तक पूर्व की व्यवस्था से ही खरीदारी संभव हो पा रहा है।

रुकमणी देवी, हसनपुर हॉलमार्क ज्वेलरी सिस्टम लागू होने के बाद पूर्व से खरीदे गए सोना व जेवरात को लेकर संशय बना है। घर या लॉकर में रखे जेवरात को ले भी तरह-तरह की चर्चा जारी है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में यह भी संशय है। इसे भी स्पष्ट करना जरूरी है।

सुरेश राय, लालपुर हॉलमार्क की अनिवार्यता से शुद्ध सोना मिलना निश्चित होगा। पूर्व में 75 प्रतिशत सोना की जगह 50 से 65 प्रतिशत तक ही मिल पाता था। लेकिन अब शुद्धता की गारंटी होगी। बशर्ते की प्रतिदिन ऊपर नीचे हो रहे सोने की दर की भी जानकारी लोगों को हो।

धीरज कुमार उर्फ रामलाल राय भिरहा जेवर के ऊपर हॉल मार्क की मोहर को अनिवार्य बनाने से अब हम खरीददारों के अंदर सोना खरीदने में बट्टा अधिक होने का डर नहीं रहेगा। शुद्ध सोना एक संपत्ति के रूप में रख सकते हैं। पूर्व के जेवरात की शुद्धता पर हमेशा ही संशय बना रहता था।

विपिन कुमार सिंह एरौत


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