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कैंसर का इलाज कराने गए बुजुर्ग के पेट में मिला 'गर्भाशय' जानिए मामला

समस्तीपुर में प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करने पहुंचे एक वृद्ध मरीज ने जांच रिपोर्ट देखकर अपना माथा पीट लिया, जब उन्हें पता चला कि उनके पेट में गर्भाशय है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 29 Dec 2017 09:25 AM (IST)Updated: Fri, 29 Dec 2017 11:28 PM (IST)
कैंसर का इलाज कराने गए बुजुर्ग के पेट में मिला 'गर्भाशय' जानिए मामला
कैंसर का इलाज कराने गए बुजुर्ग के पेट में मिला 'गर्भाशय' जानिए मामला

समस्तीपुर [जेएनएन]। इस अस्पताल में मरीज का लिंग परिवर्तन कर इलाज किया जाता है। यह हम नहीं कह रहे, वहां से जारी एमआरआइ रिपोर्ट व उनके आधार पर इलाज कराने वाले मरीज का आरोप है। हम बात कर रहे हैं पटना के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) की। 

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आइजीआइएमएस से जारी एमआरआइ रिपोर्ट सवालों के घेरे में है। इसमें समस्तीपुर के मोरवा निवासी आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. शशिभूषण मिश्रा के पेट में गर्भाशय होने की बात सामने आई है। इसके आधार पर चिकित्सक ने भी मरीज को 52 हजार रुपये के तीन महंगे इंजेक्शन लगाने की सलाह दे दी। 

मरीज के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भाशय छोटा है। इसको आइजीआइएमएस के चिकित्सक से लेकर विभागाध्यक्ष तक ने देखा,  लेकिन किसी की नजर यूटरस इज नार्मल इन साइज ... पर नहीं पड़ी। हद यह कि इस रिपोर्ट के आधार पर मरीज को 52 हजार रुपए के तीन महंगे इंजेक्शन लेने की सलाह भी दे दी गई। 

कैंसर का इलाज कराने गए थे

पीडि़त डॉ. शशिभूषण ने बताया कि वे प्रोस्टेट की जांच के लिए पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) गए थे। वहां ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के उपरांत बायोप्सी रिपोर्ट में कैंसर की शिकायत मिली।

इस पर एनएमसीएच के चिकित्सक ने आइजीआइएमएस रेफर कर दिया। वहां मेडिसीन विभाग में चिकित्सा के दौरान एमआरआइ कराने की सलाह दी गई। इसकी रिपोर्ट में गर्भाशय होने की बात सामने आई। जब इस रिपोर्ट को दूसरे चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने इस रिपोर्ट को ही गलत बताया।

इंजेक्शन से बिगड़ी स्थिति

जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर की सलाह पर मरीज के पुत्र ने एक इंजेक्शन तत्काल लगवा दी। इसके साइड इफेक्ट से उनकी हालत बिगड़ गई।

आइजीआइएमएस को नोटिस 

मरीज ने उपभोक्ता फोरम के माध्यम से आइजीआइएमएस के विभागाध्यक्ष को वकालतन नोटिस भेजा है। इसमें गलत एमआरआइ रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सा करने की वजह से हालत बिगडऩे का उल्लेख किया गया है। दोषी पर कार्रवाई करते हुए 1.20 लाख मुआवजा देने की मांग की है।

अस्पताल ने दी सफाई

आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कहा कि इस मामले में संभवत: किसी महिला की एमआरआइ रिपोर्ट दे दी गई है। आइजीआइएमएस में आउटसोर्सिंग के तहत एमआरआइ की जाती है। इस मामले की जानकारी मिलने पर जांच एजेंसी को नोटिस दी गई है।

पूरे मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज की बात इन्कार करते हुए कहा कि मरीज का इलाज सही रिपोर्ट के आधार पर किया गया। 


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