मित्रता हो तो कृष्ण-सुदामा की तरह : कल्याणी राधिका
भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती सभी के लिए अनुकरणीय है। मित्रता यदि हो तो वैसे ही हो वरना मित्रता का कोई मतलब नहीं है। उक्त बातें वृंदावन से पहुंची कल्याणी राधिका ने कहीं।
समस्तीपुर । भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती सभी के लिए अनुकरणीय है। मित्रता यदि हो तो वैसे ही हो, वरना मित्रता का कोई मतलब नहीं है। उक्त बातें वृंदावन से पहुंची कल्याणी राधिका ने कहीं।
रोसड़ा के सिनेमा चौक के निकट पीएनबी परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान महायज्ञ के दौरान मंगलवार को उन्होंने कृष्ण-सुदामा प्रसंग को विस्तार से बताया। कृष्ण के घर सुदामा का पहुंचना और मैले-कुचले, फटे कपड़ों में आए सुदामा को भगवान द्वारा गले लगाकर स्वयं पैर पखाड़ने की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान ने सुदामा मिलन के साथ हम सभी को एक संदेश भी दिया है। प्रवचन के बीच उन्होंने रुकमणि प्रसंग एवं भगवान के 16 हजार 108 विवाह पर भी चर्चा की। उन्होंने भागवत की महिमा को अपरंपार बताते हुए कहा कि जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति का यह साधन है। साध्वी ने उपस्थित महिला-पुरुष श्रद्धालुओं को पीड़ित मानवता की सेवा करने की सलाह दी। महिलाओं का सम्मान देने से समाज का कल्याण होने की बात बताते हुए उपस्थित महिलाओं को भी अपने परिवार में सुख-शांति कायम रखना उनका कर्तव्य बताया। मौके पर दिल्ली से आए गगन कुमार एवं उसके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत झांकी आकर्षण का केंद्र रहा।