बच्चों में ईश्वर के प्रति आस्था व विश्वास का संस्कार जरूरी
परिवार कैसा भी हो अगर एक भक्त जन्म लेता है तो उस परिवार की कई पिढि़यां तर जाती है। उक्त बातें वृंदावन के कथा वाचिका निधि सास्वत व नेहा सास्वत ने कही।
समस्तीपुर। परिवार कैसा भी हो अगर एक भक्त जन्म लेता है, तो उस परिवार की कई पिढि़यां तर जाती है। उक्त बातें वृंदावन के कथा वाचिका निधि सास्वत व नेहा सास्वत ने कही। रविवार को स्थानीय रामजानकी ठाकुरवाड़ी में सात दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बच्चों को ईष्वर के प्रति आस्था व विश्वास का संस्कार दिजिए। पुत्र एक ही पर राम, कृष्ण जैसा। श्रीमछ्वागवत कलियुग मे जीवन का सार है। भागवान राम व कृष्ण का अवतार ही धर्म की रक्षा व पाप के विनाश के लिए हुआ था। जो सिर्फ दुष्टों को मारते ही नहीं, तारते भी है। श्रीमछ्वागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान राम व कृष्ण ने विपत्ति में क्रोध को त्याग कर मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। इसके उपरांत धुमधाम से भगवान राम व कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। श्रद्धालु भक्ति भाव से झूम उठे। मौके पर कुमोद साह, अंनंत सिंह, सतीश पोदार, ममता देवी, बबलू चौधरी आदि सक्रिय रुप से मौजूद रहे।